Bihar Election 2025: प्रियंका इफेक्ट! 53 साल बाद चनपटिया व 25 साल बाद वाल्मिकी नगर में कांग्रेस की वापसी

Bihar Election 2025: पश्चिम चम्पारण में 53 और 25 साल की राजनीतिक खामोशी को तोड़ते हुए कांग्रेस ने ऐसा ‘कमबैक’ किया है, जिसने पूरे बिहार की चुनावी जमीन हिला दी है और इस भूचाल के केंद्र में सिर्फ एक नाम है: प्रियंका गांधी.

By Pratyush Prashant | November 16, 2025 2:28 PM

Bihar Election 2025: (चंद्रप्रकाश आर्य पश्चिम चम्पारण) बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने पश्चिम चम्पारण की राजनीति में बड़ा भूचाल ला दिया है . जिले की नौ विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने दो महत्वपूर्ण सीटों चनपटिया और वाल्मीकि नगर पर शानदार जीत दर्ज की है . यह नतीजे न सिर्फ कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक हैं, बल्कि लंबे समय से एनडीए के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में नए राजनीतिक बदलाव का संकेत भी देते हैं .
राजनीतिक विश्लेषक इस उलटफेर का मुख्य श्रेय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के आक्रामक और जन-केंद्रित प्रचार को दे रहे हैं, जिसने स्थानीय मुद्दों को चुनाव के केंद्र में ला दिया .

चनपटिया में कांग्रेस का कमाल — 53 साल बाद टूटा सूखा

चनपटिया विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए इस चुनाव में किसी चमत्कार से कम नहीं रही .कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक रंजन ने भाजपा के मौजूदा विधायक उमाकांत सिंह को सिर्फ 602 वोटों से हराकर इतिहास रच दिया .
कांग्रेस ने इस सीट पर पिछली बार 1972 में जीत दर्ज की थी .यानी 53 साल बाद यहां पार्टी का गुलाल उड़ा है .

इस सीट पर प्रियंका गांधी की रैलियों ने खास असर छोड़ा . उन्होंने बेरोजगारी, कृषि ,मजदूरों का रोजगार के लिए अन्य राज्यों में पलायन आदि संकट, स्थानीय विकास, उद्योग की संभावना, युवाओं की जरूरतों और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया .

चुनावी विशेषज्ञों के मुताबिक, निर्दलीय उम्मीदवार मनीष कश्यप के मैदान में उतरने से भाजपा का वोट बैंक बिखरा और इसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिला. यह वजह से मुकाबला बेहद दिलचस्प और रोमांचक बन गया .

वाल्मीकि नगर: कांग्रेस ने बदला इतिहास, जदयू की मजबूत पकड़ टूटी

वाल्मीकि नगर सीट पर भी कांग्रेस ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया . कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र प्रसाद ने जदयू के दिग्गज नेता व दो बार विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह को 1,675 वोटों से शिकस्त दी .
इस सीट का इतिहास भी उतना ही रोचक है— जब यह क्षेत्र धनहा विधानसभा के अंतर्गत था, तब 1990 में कांग्रेस के श्याम नारायण प्रसाद यादव जीते थे .

2010 में वाल्मीकि नगर नई विधानसभा सीट बनी, जहां से बसपा के राजेश सिंह ने जीत की शुरुआत की और बाद के वर्षों में यही सीट जदयू–आरजेडी के बीच घूमती रही . इस बार एनडीए की परंपरागत बढ़त को कांग्रेस ने तोड़ दिया .

प्रियंका गांधी की रैलियों में उमड़ी भीड़, मजबूत स्थानीय मुद्दों की प्रस्तुति और नेतृत्व की सीधी अपील ने यहां मतदाताओं को प्रभावित किया .

कांग्रेस में नई जान—पश्चिम चम्पारण में ‘पुनरुत्थान’ की शुरुआत

चनपटिया और वाल्मीकि नगर—दोनों जीतें कांग्रेस के लिए सिर्फ सीटें नहीं, बल्कि मनोबल बढ़ाने वाली रणनीतिक जीत मानी जा रही हैं . पश्चिम चम्पारण जैसे राजनीतिक रूप से अहम जिले में कांग्रेस की दोहरी जीत ने यह संकेत दे दिया है कि— आने वाले चुनावों में कांग्रेस क्षेत्र में एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरेगी

प्रियंका गांधी की चुनावी रणनीति और उनका जमीनी जुड़ाव पार्टी के लिए बड़ा प्लस प्वॉइंट बन चुका है . युवा, महिलाएं और पहली बार वोट करने वाले मतदाता कांग्रेस की ओर आकर्षित हुए हैं . राजनीतिक विशेषज्ञ इसे कांग्रेस के पुनरुत्थान का शुरुआती संकेत मान रहे हैं, जो बिहार की राजनीति में लंबे समय बाद देखने को मिल रहा है.

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