Bihar Election: बिहार की तीन दर्जन सीट है सबसे हॉट, बेहद कम रहा यहां जीत का फासला
Bihar Election: पिछले चुनाव में जिन सीटों पर हार जीत का फैसला तीन हजार या उससे कम है, इस श्रेणी में महागठबंधन के हिस्से की 17 सीटें हैं और 19 एनडीए के पास हैं. एक निर्दलीय की जीत भी काफी कम वोटों के अंतर से हुई थी.
Bihar Election: पटना. बिहार में विधानसभा की करीब तीन दर्जन सीटें ऐसी हैं जहां पिछली बार बेहद कम मतों के अंदर से जीत और हार दर्ज हुई थी. पांच साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में कम अंतर से जीती गई तीन दर्जन से अधिक सीटों पर इस बार भी कांटे के टक्कर की उम्मीद हैं. जिन सीटों पर हार जीत का फैसला तीन हजार या उससे कम है, इस श्रेणी में महागठबंधन के हिस्से की 17 सीटें हैं और 19 एनडीए के पास हैं. एक निर्दलीय की जीत भी काफी कम वोटों के अंतर से हुई थी.
महज 12 वोट से हुआ था फैसला
पिछले विधानसभा के परिणामों पर अगर गौर करें तो आंकड़े बताते हैं कि सबसे कम 12 वोटों के अंतर से हिलसा में जदयू उम्मीदवार कृष्ण मुरारी शरण की जीत हुई थी. उन्होंने राजद के शक्ति सिंह यादव को पराजित किया था. राजद ने उस समय भी धांधली का आरोप लगाया था. दो चुनावों के बीच गठबंधनों के पार्टनरों के बदलाव से भी अगला चुनाव प्रभावित होगा. सिमरी बख्तियारपुर में विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी केवल 1759 वोटों के अंतर से चुनाव हारे. राजद के चौधरी युसूफ सलाउद्दीन ने उन्हें पराजित किया था.
दोनों लड़ाके अब एक ही दल में
इसी तरह सुगौली में राजद के शशिभूषण सिंह ने विकासशील इंसान पार्टी के रामचंद्र सहनी को 3447 वोटों के अंतर से पराजित किया. अब विकासशील इंसान पार्टी और राजद में दोस्ती है. दूसरे नम्बर की इन सीटों के लिए मुकेश सहनी राजद पर निर्भर हो गए हैं. दरभंगा ग्रामीण से राजद के ललित कुमार यादव की जीत 2141 वोटों के अंतर से हुई थी. उस समय के जदयू उम्मीदवार डॉ. फराज फातमी अब राजद में हैं. राजद उन्हें दरभंगा जिले की किसी अन्य सीट से उम्मीदवार बनाएगा.
रामगढ़ में नये चेहरे की तलाश
रामगढ़ का हिसाब हो गया है. वहां राजद के सुधाकर सिंह 189 वोटों के अंतर से जीते थे. वे लोकसभा के लिए चुन लिए गए. उप चुनाव में भाजपा के हिस्से में यह सीट आ गई. रामगढ़ की तरह कुड़हनी विधानसभा की सीट भी उप चुनाव में राजद के हाथ से निकल गई. 2020 में राजद के डा. अनिल सहनी 712 वोटों से जीते थे. कानूनी प्रक्रिया में उनकी सदस्यता समाप्त हुई. उप चुनाव हुआ तो भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता जीत गए.
निर्दलीय भी रहे हैं मजबूत
मटिहानी से लोजपा राजकुमार सिंह महज 333 वोटों के अंतर से जीते थे. दूसरे नम्बर पर जदयू के नरेंद्र कुमार सिंह थे. राज कुमार सिंह अभी जदयू में हैं. नरेंद्र कुमार सिंह राजद में शामिल हो गए. चकाई से सुमित कुमार सिंह ने निर्दलीय की हैसियत से राजद की सावित्री देवी को 581 वोटों के अंतर से पराजित किया था. सुमित ने नीतीश कुमार की सरकार का समर्थन किया. अभी मंत्री हैं. इन तमाम सीटों को दोनों गठबंधन न केवल फिर से जीतना चाह रहा है, बल्कि एक दूसरे से छीनने की भी रणनीति तैयार की जा रही है.
महागठबंधन की जीती सीटें
- सिकटा- वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता- भाकपा माले- 2302
- कल्याणपुर- मनोज कुमार यादव- राजद -1197
- बाजपट्टी, मुकेश यादव- राजद- 2704
- किशनगंज- इजरारूल हक- कांग्रेस-1381
- बखरी- सूर्यकांत पासवान-भाकपा -777
- खगड़िया- छत्रपति सिंह यादव- कांग्रेस- 3000
- राजापाकर- प्रतिमा दास-कांग्रेस 1746
- भागलपुर- अजित शर्मा- कांग्रेस-1113
- डेहरी आन सोन- फतेह बहादुर कुशवाहा- राजद -464
- औरंगाबाद- आनंद शंकर सिंह- कांग्रेस-2243
- अलौली- रामवृक्ष सदा- राजद- 2773
- महाराजगंज- विजय शंकर दुबे- कांग्रेस-1976
- सिवान- अवध बिहारी चौधरी- राजद-1973
एनडीए की सीटें और वोटों का अंतर
- परिहार- गायत्री देवी- भाजपा-1569
- रानीगंज- अचमित सदा- जदयू-2304
- प्राणपुर- निशा सिंह- भाजपा-2972
- अलीनगर- मिश्रीलाल यादव- भाजपा-3101
- बहादुरपुर- मदन सहनी- जदयू-2629
- सकरा- अशोक चौधरी- जदयू-1537
- भोरे- सुनील कुमार-जदयू-462
- हाजीपुर- अवधेश सिंह-भाजपा-2990
- बछवाड़ा- सुरेश मेहता-भाजपा-484
- परवत्ता- संजीव कुमार- जदयू-951
- मुंगेर- प्रणव कुमार दास-भाजपा-1244
- बरबीघा-सुदर्शन कुमार-जदयू-113
- आरा-अमरेंद्र प्रताप सिंह-भाजपा-3002
- टिकारी-अनिल कुमार-हम-2630
- झाझा-दामोदर राऊत-जदयू-1679
