Bihar Election 2025: एआई आधारित फर्जी खबरें फैलाने वालों की खैर नहीं, चुनाव आयोग का जानिये सख्त आदेश
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गया. इस बीच एआई आधारित भ्रामक प्रचार को लेकर चुनाव आयोग सख्त हो गया है. इसके साथ ही बिहार पुलिस और उसकी अलग-अलग एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गई है.
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग की तरफ से एआई आधारित भ्रामक और फर्जी प्रचार को लेकर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किये गए. साथ ही बिहार पुलिस और उसकी अलग-अलग एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गयी हैं.
कौन-कौन से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रहेगी नजर?
आयोग के आदेश के बाद राज्य के गृह विभाग ने साइबर क्राइम यूनिट, आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) और जिला पुलिस को विशेष निगरानी के निर्देश जारी कर दिये हैं. सूत्रों के अनुसार, पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिया है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वाट्सएप पर निगरानी बढ़ाएं और राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों से जुड़े वीडियो, पोस्ट या ग्राफिक कंटेंट की नियमित जांच करें.
तुरंत कार्रवाई का आदेश
निर्देश में यह भी कहा गया है कि एआई या डिजिटल तकनीक से तैयार किसी भी ‘डीपफेक’ या ‘मॉर्ड’ पहचान होते ही उसकी तुरंत रिपोर्ट की जाए और संबंधित अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की जाए. साइबर अपराध इकाई ने भी तकनीकी निगरानी बढ़ा दी है.
सोशल मीडिया पर चुनावी मैसेज की होगी स्कैनिंग
जानकारी के मुताबिक, पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, और गया सहित सभी रेंज अधिकारियों और साइबर थानों को निर्देश दिया गया है कि वे जिला निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर हर दिन सोशल मीडिया पर चल रहे चुनावी संदेशों की स्कैनिंग करें. किसी भी भ्रामक या फर्जी वीडियो के सोर्स का पता लगाकर जल्द प्राथमिकी दर्ज करने को कहा गया है.
राजनीतिक दलों के बीच चल रहे डिजिटल वॉर को देखते हुए सख्ती
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में राजनीतिक दलों के बीच चल रहे एआई आधारित डिजिटल वॉर को निर्वाचन आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग ने दलों और उम्मीदवारों को चेतावनी दी है कि 6 अक्टूबर से लागू आदर्श आचार संहिता का पालन इंटरनेट और सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली सामग्री पर भी अनिवार्य है. आयोग ने क्लियर किया, आदर्श आचार संहिता के तहत अन्य दलों की आलोचना केवल उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और कार्यों तक सीमित होनी चाहिए.
Also Read: Bihar election 2025: चुनाव आयोग ने लगभग 8.5 लाख अधिकारियों की तैनाती की
