School Holiday: बिहार के सरकारी स्कूलों में 75 दिन की छुट्टियां, शिक्षा विभाग ने जारी किया 2026 का हॉलिडे कैलेंडर
Bihar News: बिहार शिक्षा विभाग ने वर्ष 2026 का शैक्षणिक कैलेंडर जारी कर दिया है. नए कैलेंडर में गर्मी, ठंड और प्रमुख त्योहारों को मिलाकर कुल 75 दिनों की छुट्टी तय की गई है. सभी सरकारी और राजकीय स्कूलों में इसी के आधार पर सत्र चलेगा.
Bihar News: बिहार के शिक्षा विभाग ने वर्ष 2026 के लिए शैक्षणिक कैलेंडर जारी कर दिया है. निदेशक (माध्यमिक) सज्जन आर की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य के सभी सरकारी, राजकीय, राजकीयकृत, परियोजना, उच्चतर प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों (संस्कृत, उर्दू और मदरसा सहित) में यह आदेश लागू होगा. नए कैलेंडर में पूरे वर्ष कुल 75 दिन छुट्टी तय की गई है, जिसमें 10 रविवार भी शामिल हैं.
25 से 31 दिसंबर तक ठंड की छुट्टी
कैलेंडर के मुताबिक 1 जून से 20 जून तक गर्मी की छुट्टी रहेगी. वहीं साल के अंतिम माह दिसंबर में 25 से 31 दिसंबर तक ठंड के कारण सात दिनों का अवकाश निर्धारित किया गया है. त्योहारों के मद्देनजर भी लंबी छुट्टियां तय की गई हैं. दीपावली, छठ और भाईदूज सहित अन्य पर्वों को ध्यान में रखते हुए 7 से 17 नवंबर तक स्कूल बंद रहेंगे, यानी कुल 10 दिन का अवकाश मिलेगा.
बसंत पंचमी और गणतंत्र दिवस की भी छुट्टी
इसके अतिरिक्त, 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 23 जनवरी को बसंत पंचमी, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस, 1 फरवरी को संत रविदास जयंती, 15 फरवरी को महाशिवरात्रि, तथा 3-4 मार्च को होली के अवसर पर भी अवकाश घोषित किया गया है. मुस्लिम पर्वों की तारीखें चांद दिखने पर आधारित होंगी, इसलिए उनमें परिवर्तन संभव है.
गर्मी, सर्दी और दीपावली-छठ की छुट्टी पर छात्रों को दिया जाएगा होमवर्क
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि गर्मी, सर्दी और दीपावली-छठ अवकाश के दौरान छात्रों को होमवर्क दिया जाएगा. जिसका मूल्यांकन स्कूल खुलने के बाद किया जाएगा, ताकि पढ़ाई में निरंतरता बनी रहे. हालांकि वार्षिकोत्सव, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती पर विद्यालय खुले रहेंगे. इन अवसरों पर कार्यक्रम संपन्न होने के बाद ही स्कूल बंद किए जाएंगे.
शिक्षा विभाग ने क्या कहा?
विभाग का कहना है कि यह कैलेंडर छात्रों की सुविधा, त्योहारों की परंपरा और शैक्षणिक गतिविधियों के संतुलन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. नए शैक्षणिक सत्र में सभी विद्यालयों को इसी कैलेंडर का पालन करना होगा.
