बिहार में पूर्व मुखिया ने पहले पत्नी को मारी गोली फिर खुद को भी उड़ाया, सुसाइड नोट में लिखा- मेरे पास सब कुछ…

Bihar Double Murder: बिहार के बेतिया में एक दिल दहला देने वाली घटना में पूर्व मुखिया ने पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी और फिर खुद को भी गोली मार ली. जमीन गंवाने, बीमारी और कर्ज के बोझ ने उन्हें इस कदर तोड़ दिया कि उन्होंने यह भयावह कदम उठा लिया. पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है.

By Abhinandan Pandey | July 4, 2025 12:33 PM

Bihar Double Murder: बिहार के बेतिया जिले के चौतरवा थाना क्षेत्र स्थित महुअवा डीह टोला में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. इलाके के पूर्व मुखिया अरविंद लाल श्रीवास्तव (65) ने पहले अपनी पत्नी आशा देवी (60) को गोली मार दी और फिर खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली. यह घटना रात के अंधेरे में हुई, जिससे पूरे गांव में कोहराम मच गया. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.

पुलिस को मिली देरी से सूचना, जल्दबाजी में अंतिम संस्कार

घटना की जानकारी पुलिस को काफी देर से मिली. जब तक टीम मौके पर पहुंची, तब तक परिजनों ने शवों का अंतिम संस्कार कर दिया था. पुलिस का कहना है कि इस जल्दबाजी से कई अहम साक्ष्य नष्ट हो गए हैं, जिससे मामला और भी संदिग्ध हो गया है. पुलिस अब पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है.

सुसाइड नोट और देसी कट्टे मिले

बुधवार देर शाम जब पुलिस ने मृतक के घर की तलाशी ली, तो दो देसी कट्टे और एक हाथ से लिखा सुसाइड नोट बरामद हुआ. नोट में लिखा था, “मेरे पास सब कुछ था, लेकिन अब न जमीन बची, न शरीर में ताकत. कैंसर ने सब कुछ निगल लिया. इलाज में सब कुछ चला गया, अब और नहीं सह सकता.” पुलिस ने नोट को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है ताकि हस्तलिपि और घटनास्थल की पुष्टि की जा सके.

गंडक नदी की कटाव और बीमारी बनी वजह

स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, अरविंद श्रीवास्तव कभी इलाके के सबसे समृद्ध किसानों में गिने जाते थे. उनके पास लगभग 350 बीघा उपजाऊ जमीन थी. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में गंडक नदी के कटाव ने उनकी पूरी जमीन निगल ली. इस झटके से वह कभी उबर नहीं सके. इसी दौरान उन्हें कैंसर हो गया, जिसका इलाज करवाने में उनकी बची-खुची संपत्ति भी बिक गई और उन पर कर्ज चढ़ गया.

मानसिक तनाव की पराकाष्ठा थी यह घटना

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ समय से अरविंद बाबू काफी शांत और गुमसुम रहने लगे थे. लोगों से बातचीत करना बंद कर दिया था. उन्हें अक्सर अकेले बैठे देखा जाता था. गांव वालों का मानना है कि यह घटना मानसिक तनाव और बेबसी की चरम परिणति है.

पुलिस की जांच जारी, हत्या की आशंका से इनकार नहीं

एसडीपीओ बगहा कुमार देवेंद्र ने कहा, “मामले की गहनता से जांच हो रही है. जल्दबाजी में किया गया अंतिम संस्कार संदेहास्पद है. हम आत्महत्या के साथ-साथ हत्या की संभावना से भी इंकार नहीं कर रहे हैं.” यह घटना न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के उन कमजोर पहलुओं को उजागर करती है जहां आर्थिक और मानसिक संकट किसी को भी हताशा की उस गहराई तक ले जा सकता है, जहां जीवन से विश्वास उठ जाता है.

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