Bihar: चुनाव से पहले बिहारवासियों को मिला तोहफा, पटना में खुलेगा हाईटेक इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर

Bihar: बिहार सरकार दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है. पटना में कॉम्फेड मुख्यालय में एक इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर बनेगा. इस सेंटर पर 28.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

By Pratyush Prashant | July 23, 2025 6:40 PM

Bihar: दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में बिहार सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. पटना स्थित कॉम्फेड मुख्यालय में एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर स्थापित किया जाएगा. इस सेंटर की स्थापना पर 28.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यह सेंटर आधुनिक तकनीक और निगरानी उपकरणों से लैस होगा, जिससे दूध के संग्रहण, परिवहन और वितरण की प्रक्रिया पर रियल टाइम निगरानी रखी जा सकेगी. सरकार का मानना है कि इससे न केवल गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा पहुंचेगा.

बिहारवासियों को मिला इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर का तोहफा

बिहार में दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों और व्यवसायियों को नीतीश सरकार ने बड़ी सौगात दी है. पटना स्थित कॉम्फेड मुख्यालय में अब एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) की स्थापना की जाएगी. राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी कि इस परियोजना पर वर्ष 2025-26 से 2027-28 के बीच कुल ₹28.50 करोड़ खर्च किए जाएंगे.

यह केंद्र करीब 4000 वर्गफुट क्षेत्र में बनाया जाएगा और 24×7 निगरानी प्रणाली से लैस होगा. इसमें IoT डिवाइसेज़, GPS मॉनिटरिंग, CCTV निगरानी, और रियल टाइम डाटा एनालिसिस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे पूरे दुग्ध आपूर्ति चक्र—दूध संग्रहण, परिवहन और वितरण—पर सीधी निगरानी रखी जा सकेगी.

क्या है ICCC और क्यों है यह ज़रूरी?

कॉम्फेड मुख्यालय में बनने वाला यह ICCC, राज्य भर की डेयरियों, बल्क मिल्क कूलरों, समितियों और शीतकरण केंद्रों को एक प्लेटफॉर्म से जोड़ेगा. इसकी मदद से कॉम्फेड की पूरी कार्यप्रणाली डिजिटल रूपांतरण की ओर अग्रसर होगी.

दुग्ध उत्पादकों को होंगे ये बड़े लाभ

किसानों को मिलेगा सीधा फायदा: यह सेंटर पारदर्शिता, गुणवत्ता और दक्षता सुनिश्चित करेगा जिससे लाखों दुग्ध उत्पादकों को सीधा लाभ मिलेगा.

DBT से भुगतान की गारंटी. किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए Direct Benefit Transfer को ICCC से जोड़ा जाएगा.

गुणवत्ता की निगरानी. दूध वाहनों में लगे डाटा लॉगर के माध्यम से तापमान नियंत्रण और गुणवत्ता मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा.

तेज और सटीक निर्णय.रियल-टाइम डेटा विश्लेषण से निर्णय लेने की प्रक्रिया और तेज व कारगर बनेगी.

संस्थानों की सुरक्षा. सेंटर से जुड़े सभी परिसरों की 24 घंटे CCTV निगरानी की जाएगी, जिससे किसी भी अनियमितता या दुर्घटना की तत्काल पहचान संभव होगी.

राज्य सरकार की तकनीकी पहल

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि यह ऐतिहासिक परियोजना राज्य में दुग्ध व्यवसाय को नई दिशा देने का कार्य करेगी. सरकार किसानों के हित में तकनीकी नवाचार को प्राथमिकता दे रही है और ICCC उसी दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम है.