Bihar Chunav 2025: बिहार में 4 करोड़ वोटरों को नहीं देने होंगे दस्तावेज, चुनाव आयोग इन लोगों से मांगेगा प्रमाण
Bihar Chunav 2025: बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू हो गया है. चुनाव आयोग के मुताबिक, 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 60% को दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी, जबकि शेष 40% को पहचान से जुड़े प्रमाण पत्र देने होंगे.
Bihar Chunav 2025: बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस पुनरीक्षण में कुल 7.89 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से लगभग 4.96 करोड़ मतदाताओं को किसी भी प्रकार का दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी. ये वे मतदाता हैं जो 2003 की विशेष पुनरीक्षित सूची में शामिल थे. उन्हें केवल सूची में अपने नाम और विवरण की पुष्टि करनी होगी.
आयोग द्वारा निर्धारित 11 दस्तावेजों में से एक प्रस्तुत करना होगा
वहीं, शेष करीब 3 करोड़ यानी 40% मतदाताओं को अपने जन्म स्थान या जन्म तिथि प्रमाणित करने के लिए आयोग द्वारा निर्धारित 11 दस्तावेजों में से एक प्रस्तुत करना होगा. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के अनुसार, यह विशेष पुनरीक्षण अभियान सुनिश्चित करेगा कि कोई भी पात्र नागरिक सूची से वंचित न रहे और कोई भी अपात्र नाम उसमें न जुड़ सके.
निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को मिली अहम जिम्मेदारी
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह हर पात्र नागरिक को सूची में शामिल कराए और अपात्र नामों को हटाए. आयोग ने राजनीतिक दलों से भी सक्रिय भागीदारी की अपील की है. अब तक राज्यभर में 1.5 लाख से अधिक बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) की नियुक्ति की जा चुकी है, जो मतदाता सूची के सत्यापन में जुटे हैं.
राजनीतिक दल तैयार कर रहे हैं बीएलए
राजनीतिक दल भी तेजी से अपने बीएलए तैनात कर रहे हैं ताकि मतदाता सूची में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो. आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त दलों को हर बूथ पर बीएलए नियुक्त करने की सलाह दी है ताकि बाद में शिकायतों की गुंजाइश न रहे. चुनाव आयोग सोशल मीडिया के माध्यम से भी अभियान से जुड़ी अपडेट लगातार साझा कर रहा है, जिससे मतदाता जागरूक हो सकें और प्रक्रिया में भाग ले सकें.
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