Bihar Bhumi: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का फरमान, भू-अर्जन कार्यालयों के कैश बुक और बैंक खातों की होगी जांच

Bihar Bhumi: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से बड़ा फरमान जारी किया गया है. दरअसल, भू-अर्जन कार्यालयों के कैश बुक और बैंक खातों की जांच की जाएगी. कहा जा रहा है कि, पारदर्शिता बढ़ाने को लेकर विभाग की ओर से बड़ा आदेश जारी किया है.

By Preeti Dayal | July 10, 2025 10:12 AM

Bihar Bhumi: बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग पूरी तरह से एक्शन मोड में है. कार्य में पारदर्शिता को लेकर बड़ा आदेश जारी किया गया है. दरअसल, भू-अर्जन कार्यालयों के कैश बुक और बैंक खातों की जांच की जाएगी. वित्तीय अनियमितताओं को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. इसके साथ ही जांच की रिपोर्ट जल्द ही भेजने का आदेश दिया गया है. हालांकि, इसके लिए अलग-अलग डेट निर्धारित किए गए हैं. 16 जुलाई से यह काम शुरू होगा जो कि, 22 जुलाई तक होगा.

इन 9 जिलों को मिला आदेश…

जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के साथ 9 जिलों को इसमें शामिल किया गया है. मुजफ्फरपुर के अलावा उत्तर बिहार के जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सीतामढ़ी और वैशाली शामिल है. इस सभी जिलों में भू-अर्जन कार्यालयों के कैश बुक और बैंक खातों की जांच की जाएगी. सभी पदाधिकारियों को इससे अवगत कराते हुए अपडेट कैशबुक समेत अन्य जरूरी कागजात और अभिलेख के साथ कर्मी को निदेशालय भेजने का निर्देश दिया है, ताकि इसकी जांच की जा सके.

मुजफ्फरपुर में दिया गया आदेश

मुजफ्फरपुर जिले की बात करें तो, यहां राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने सभी जिलों के भू-अर्जन पदाधिकारियों को एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है. इस निर्देश के तहत, सभी भू-अर्जन कार्यालयों को अपने कैश बुक और सभी बैंक खातों की गहन जांच कर इसकी रिपोर्ट निदेशालय को सौंपने को कहा गया है. यह कदम विभिन्न योजनाओं के लिए अधियाची विभागों (मांग करने वाले विभागों) से प्राप्त होने वाली राशि के लेखा-जोखा में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है.

जांच के बाद रिपोर्ट सौंपने का आदेश

दरअसल, भू-अर्जन विभाग विभिन्न सरकारी परियोजनाओं जैसे सड़क निर्माण, नहर विस्तार, रेलवे लाइन बिछाना या अन्य विकासात्मक कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य करता है. इन कार्यों के लिए आवश्यक धनराशि संबंधित अधियाची विभागों द्वारा भू-अर्जन विभाग को उपलब्ध कराई जाती है. निदेशालय द्वारा समय-समय पर इन निधियों के उपयोग और शेष राशि का विवरण मांगा जाता है. ऐसे में हाल ही में दिया गया निर्देश इसी प्रक्रिया का हिस्सा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्राप्त राशि का उपयोग निर्धारित उद्देश्यों के लिए ही हो रहा है और किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता न हो. यह पहल वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग को रोकने में सहायक होगी. सभी भू-अर्जन पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे जल्द ही जांच पूरा कर पूरी रिपोर्ट सौंपें.

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