बिहार में रैयतों के लिए खुशखबरी! अब नए तरीके से मिलेगा अधिग्रहित जमीन का मुआवजा
Bihar Bhumi: राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भूमि अधिग्रहण का मुआवजा अब बाजार मूल्य के आधार पर मिलेगा. अभी इसके लिए खतियान में दर्ज जमीन की किस्म को आधार बनाया जाता था. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है.
Bihar Bhumi: राष्ट्रीय उच्च पथ के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे का भुगतान अब बाजार मूल्य के आधार पर किया जाएगा. इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने रविवार को सभी प्रमंडलीय आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है.
अभी ऐसे होता है भूमि का वर्गीकरण
मिली जानकारी के अनुसार अभी भूमि का वर्गीकरण खतियान में दर्ज किस्म के आधार पर किया जाता है. करीब 100 वर्ष पुराने खतियान में दर्ज भूमि किस्म एवं भूमि की वर्तमान उपयोगिता में भारी अंतर के कारण रैयतों की आपत्ति और राष्ट्रीय उच्च पथ प्राधिकरण के साथ विवाद शुरू होते रहे हैं.
आधार बनेगा जमीन का वास्तविक बाजार मूल्य
पता चला है कि इस संदर्भ में महाधिवक्ता की राय ली गई है. उन्होंने एनएच एक्ट, 1956 की धारा 3जी तथा भू-अर्जन अधिनियम, 2013 की धारा 26 से 30 का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि मुआवजे की दर तय करने में खतियान पर निर्भरता ठीक नहीं है. जमीन का वास्तविक बाजार मूल्य ही आधार होना चाहिए.
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पारदर्शी होगी जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया
निबंधन विभाग से पहले ही नए सिरे से जमीन के न्यूनतम मूल्य का आग्रह किया गया है. इस फैसले से भू-अर्जन की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी, व्यवहारिक एवं न्यायसंगत बनेगी. साथ ही रैयतों को वास्तविक बाजार मूल्य के आधार पर राशि मिल सकेगी. इसकी वजह से परियोजनाओं में होने वाले विलंब को भी कम किया जा सकेगा.
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