दिल्ली हाईकोर्ट से लालू यादव को बड़ा झटका, लैंड फॉर जॉब मामले में लोअर कोर्ट में चलती रहेगी सुनवाई

Land For Job Scam: जमीन के बदले नौकरी घोटाला उस समय का है जब लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के पद पर थे. सीबीआई का आरोप है कि रेल में ग्रुप- डी की नियुक्तियों के बदले कई लोगों से उनके परिवार को जमीनें बेहद कम पैसे में हस्तांतरित कराई गईं. यह पूरा मामला भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग का है.

By Paritosh Shahi | May 31, 2025 3:08 PM

Land For Job Scam: दिल्ली हाईकोर्ट ने राजद चीफ और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू यादव को बड़ा झटका देते हुए उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने जमीन के बदले नौकरी (Land For Job Scam) मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी. यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए कथित भ्रष्टाचार के एक गंभीर प्रकरण से जुड़ा है. इसकी जांच एजेंसी ने वर्षों पहले शुरू की थी.

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लालू के वकील की दलील

लालू यादव की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी थी कि इस मामले में दर्ज प्राथमिकी और जांच प्रक्रिया दोनों ही कानून के अनुरूप नहीं हैं. उनका तर्क था कि जब प्राथमिकी और जांच वैध नहीं हैं, तो उनके आधार पर दायर आरोपपत्र भी कानूनी रूप से टिक नहीं सकता. उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत, किसी पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से पूर्व मंजूरी लेना अनिवार्य है जो इस मामले में नहीं ली गई.

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सीबीआई के वकील क्या बोले

सीबीआई की ओर से पेश वकील डी. पी. सिंह ने इस तर्क का विरोध किया और कहा कि एजेंसी ने भ्रष्टाचार रोधी कानून की धारा- 19 के तहत सभी आवश्यक मंजूरी प्राप्त कर ली है. उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मामले में आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं. इससे यह स्पष्ट होता है कि लालू प्रसाद और उनके परिजन इसमें संलिप्त रहे हैं.