कोरोना से हुई मौत के 8वें दिन बेटे का आया BPSC का रिजल्ट तो रो पड़ा पूरा परिवार

बीपीएससी (BPSC Results) ने बुधवार को 65वीं मेंस परीक्षा में 1100 से अधिक अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है. रिजल्ट जारी होने के बाद जहां पास हुए अभ्यर्थियों के घर खुशी का माहौल है, वहीं एक ऐसा भी अभ्यर्थी है जिसके घर रिजल्ट आने के बाद मातम पसरा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2021 4:13 PM

पटना. बीपीएससी (BPSC Results) ने बुधवार को 65वीं मेंस परीक्षा में 1100 से अधिक अभ्यर्थियों ने बाजी मारी है. रिजल्ट जारी होने के बाद जहां पास हुए अभ्यर्थियों के घर खुशी का माहौल है, वहीं एक ऐसा भी अभ्यर्थी है जिसके घर रिजल्ट आने के बाद मातम पसरा है.

दरअसल, भोजपुर जिले के रहने वाले अविनाश का पिछछले माह 24 जून को कोरोना से निधन हो गया था. उसके निधन के एक सप्ताह के बाद बुधवार को जब बीपीएससी मेंस (BPSC Mains Result) का रिजल्ट आया तो अविनाश पास हो गया था. लेकिन, अपनी इस सफलता का जश्न मनाने के लिए इस दुनिया में नहीं था. रिजल्ट आने के ठीक 1 सप्ताह पहले यानी 24 जून को ही अविनाश इस दुनिया को छोड़ कर चला गया था.

अविनाश मूल रूप से भोजपुर जिले के पीरो अनुमंडल के बैसाडीह गांव का रहने वाला है. अविनाश कुमार ने मेंस परीक्षा में सफलता हासिल करने से पहले इंजीनियर की परीक्षा में सफलता प्राप्त किया था. लेकिन वो जिंदगी की इम्तिहान में कोरोना से हार गया. इस बीच रिजल्ट आने के बाद उनके परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. घर के लोगों का रोते रोते बुरा हाल है. परिवार के लोगों का कहना है कि अविनाश बचपन से मेधावी था. अविनाश ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्छी कंपनी में नौकरी नहीं करने का फैसला लिया और सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गया. अविनाश की मेधा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह इंजीनियरिंग की परीक्षा में सेकंड स्टेट टॉपर थे. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज का रुख किया, लेकिन इस बीच वह कोरोना की चपेट में आ गए.

लगभग एक महीने तक अविनाश ने मौत से जंग लड़ी, लेकिन अंतत: वो हार गए. अविनाश की मौत के बाद जैसे ही बीपीएससी मेंस के नतीजे आए तो उनके परिवार के पास कुछ शब्द ही नहीं थे. उनकी इस उपलब्धि पर खुश होने वाला परिवार इस बात से रो-रोकर बेहाल है कि उनका बेटा अब उनके बीच नहीं है. अविनाश के चाचा निलेश उपाध्याय ने बताया कि बहुत गमगीन माहौल है, क्योंकि हमारा चिराग अब हमारे पास नहीं है. रिजल्ट आने के 8 दिन पहले ही कोरोना ने हमसे उसे छीन लिया. एक चमकता हुआ सितारा हमसे दूर चला गया.

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