बिहार में स्टार्टअप के लिए कर्ज देने में बैंक नहीं कर सकेंगे आनाकानी, लोन रिजेक्ट करने पर बताना होगा कारण

समीर महासेठ ने बताया कि पिछले सात माह में दो बार एसएलबीसी की बैठक हुई है. सरकार बैंकों द्वारा कर्ज नहीं देने पर अलग से डाटा के आधार पर समीक्षा कर रही है. बिहार में स्टार्टअप नीति के तहत जिन बैंकों द्वारा लोन को रिजेक्ट किया जाता है, तो उनको कारण बताने का निर्देश दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2023 2:35 AM

पटना. बिहार में अब किसी भी स्टार्टअप को बैंकों द्वारा कर्ज दिये जाने से मना करने पर उसे लोन रिजेक्ट करने का कारण बताना होगा. उद्याेग मंत्री समीर महासेठ ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि बिहार में स्टार्टअप नीति के तहत जिन बैंकों द्वारा लोन को रिजेक्ट किया जाता है, तो उनको कारण बताने का निर्देश दिया गया है.

बिहार स्टार्टअप फंड ट्रस्ट की स्थापना

सदन को समीर महासेठ ने बताया कि पिछले सात माह में दो बार एसएलबीसी की बैठक हुई है. सरकार बैंकों द्वारा कर्ज नहीं देने पर अलग से डाटा के आधार पर समीक्षा कर रही है. नवीनगर के विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब में उद्योग मंत्री ने बताया कि बिहार स्टार्टअप नीति के तहत राज्य सरकार द्वारा 500 करोड़ की प्रारंभिक कोष के साथ ही बिहार स्टार्टअप फंड ट्रस्ट की स्थापना की गयी है.

बैंकों से कड़ाई कर कराना चाहिए गाइडलाइन का पालन

बिहार स्टार्टअप नीति 2022 के तहत प्रमाणीकृत स्टार्टअप को सीड फंड के रूप में 10 लाख की ब्याज मुक्त कर्ज 10 वर्षों के लिए दिये जाने का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि बैंकों को भी उद्योगों की स्थापना के लिए अपने डिपोजिट रेशियो का 40 प्रतिशत लोन देना है. बिहार में बैंकों द्वारा अभी इतनी भी राशि नहीं दी जा रही है. इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार बैंकों को ऋण देने के लिए निर्देश दिया जाना चाहिए. अगर बैंक उदासीन हैं, तो कड़ाई कर के गाइडलाइन का पालन कराना चाहिए.

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