Bihar: पूर्व थानेदार और प्रधान लिपिक के यहां रेड, करोड़पति निकले जिला कल्याण कार्यालय में तैनात बड़ा बाबू

तलाशी के दौरान उसके भव्य मकान से सोने-चांदी के जेवरात मिले हैं. करीब एक दर्जन बैंक खातों में 22.98 लाख से ज्यादा रुपये जमा हैं. शुरुआती जांच में यह बात सामने आयी कि अलग-अलग तारीखों में इन खातों में 36.50 लाख रुपये जमा किये गये हैं.

By Prabhat Khabar | March 9, 2022 6:48 AM

पटना. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने सहार (भोजपुर) के पूर्व थानाध्यक्ष आनंद कुमार सिंह और औरंगाबाद के जिला कल्याण कार्यालय के प्रधान लिपिक अमरेश राम पर आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में एक साथ कार्रवाई की. मंगलवार को आनंद कुमार सिंह के बाढ़ के सहरी ग्राम स्थित पैतृक आवास और पटना के रूपसपुर थाने की अपर्णा कॉलोनी में किराये के मकान में तलाशी की गयी. वहीं, अमरेश राम के औरंगाबाद के जमहौर थाने के रामपुर ग्राम स्थित पैतृक घर, औरंगाबाद के वार्ड संख्या-13 में घर और कलेक्ट्रेट में स्थित जिला कल्याण कार्यालय में एक साथ रेड किया गया. इओयू की जांच में औरंगाबाद के जिला कल्याण कार्यालय में तैनात प्रधान लिपिक अमरेश राम करोड़पति निकले.

तलाशी के दौरान उसके भव्य मकान से सोने-चांदी के जेवरात मिले हैं. करीब एक दर्जन बैंक खातों में 22.98 लाख से ज्यादा रुपये जमा हैं. शुरुआती जांच में यह बात सामने आयी कि अलग-अलग तारीखों में इन खातों में 36.50 लाख रुपये जमा किये गये हैं. करीब 20 लाख रुपये के पांच वाहन मिले हैं, जिनमें एक महिंद्रा एक्सयूवी शामिल है. तलाशी के दौरान जमीन से जुड़े 15 दस्तावेज मिले हैं, जिनका सरकारी मूल्य 85.58 लाख से अधिक है, जबकि बाजार मूल्य इससे कहीं ज्यादा है. ये प्लॉट औरंगाबाद के अलावा पटना में कई स्थानों पर मौजूद हैं. इसके अलावा उन्होंने अन्य कई माध्यमों में भी काफी निवेश कर रखा है.

1.21 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति

प्रधान लिपिक अमरेश राम फरवरी, 1988 में सरकारी सेवा में आये और इससे पहले औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड में नाजिर के पद पर तैनात थे. उन्होंने अपने पूरे सेवा में पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति जमा की है. अब तक की जांच में आय के वैध स्रोतों से 127% अधिक की इनकी अवैध संपत्ति का पता चला है. इनके पास एक करोड़ 21 लाख 30 हजार रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति मिली है.

पूर्व थानेदार के पास मिली आय से 60.70 प्रतिशत अधिक संपत्ति

पटना. सहार के पूर्व थानाध्यक्ष आनंद कुमार सिंह का नाम बालू से अवैध कमाई करने वाले बिचौलियों व पदाधिकारियों के सिंडिकेट से जुड़ी इओयू की जांच रिपोर्ट में सामने आया था. इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें पिछले वर्ष ही बर्खास्त कर दिया था. अब इओयू ने उनकी अवैध संपत्ति को जब्त करने की व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गयी है. अब तक की जांच में उनके आय के वैध स्रोतों से 60.70% अधिक की संपत्ति का पता चला है. हालांकि, इस मामले में जांच जारी है. जांच पूरी होने के बाद इसमें बढ़ोतरी होने की संभावना है.

पत्नी के नाम से तीन प्लॉट

तलाशी के दौरान उनकी पत्नी के नाम से तीन प्लॉट के कागजात मिले हैं. इनमें दो प्लॉट पटना के पास परसा बाजार में हैं. इनका रकबा करीब पौने दो कट्ठा है. इसके अलावा जिस अपर्णा कॉलोनी में वह रहते हैं, वहां एक कट्ठा जमीन व इस पर बन रहे तीन मंजिला घर का पता चला है. इस जमीन का सरकारी मूल्य 27.35 लाख बताया जा रहा है. इसके अलावा जमीन-जायदाद से जुड़े अन्य कागजात भी बरामद हुए हैं, जिनकी जांच चल रही है. अब तक करीब 68 लाख की अचल संपत्ति का पता चल चुका है. पटना वाले किराये के मकान से कैश, जेवरात समेत अन्य चीजें बरामद हुई हैं, जिनका मूल्य 13.56 लाख बताया जा रहा है.

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