सूबे में मनरेगा से रोजगार देने का बना रिकॉर्ड, 25 करोड़ काम मिला
मनरेगा से काम देने का अब तक पुराना रिकॉर्ड टूट गया है. राज्यभर में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 23 करोड़ 91 लाख मानव दिवस का सृृजन किया जा चुका है.
मनोज कुमार, पटनामनरेगा से काम देने का अब तक पुराना रिकॉर्ड टूट गया है. राज्यभर में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 23 करोड़ 91 लाख मानव दिवस का सृृजन किया जा चुका है. इसकी डाटा भी इंट्री हो चुकी है. इसमें एक करोड़ 25 लाख मानव दिवस सृजन की इंट्री अभी नहीं हुई है. ये इंट्री होते ही राज्य में 25 करोड़ मानव दिवस सृजन हो जायेगा. तीन माह से अधिक समय से मनरेगा मजदूरी भुगतान होने के बाद भी इसका ग्राफ इस वर्ष सर्वाधिक रहा है. मनरेगा से काम देने में गया जिला सबसे आगे है. वहीं, पूर्वी, चंपारण, रोहतास और समस्तीपुर में एक करोड़ से अधिक मानव दिवस का सृजन हुआ है. इस वित्तीय वर्ष राज्य में 17 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य था. 23 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार, डाटा इंट्री के साथ 23 करोड़ 90 लाख 79 हजार 101 मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है.
सारण व शिवहर में कम मिला काम :
अरवल में 19 लाख से अधिक, बेगूसराय में 39 लाख भोजपुर में 42 लाख, गोपालगंज में 35 लाख, जहानाबाद में 33 लाख, सारण में 17 लाख, शिवहर में 17 लाख से अधिक काम मिला है. इन जिलों में भी लक्ष्य से अधिक काम मिला है. मनरेगा में पिछले साल 27 दिसंबर से ही भुगतान बंद है. कुल 1745 करोड़ रुपया बकाया हो गया है. इस राशि के भुगतान नहीं होने के कारण मनरेगा मजदूरी का भुगतान नहीं हो रहा है. मनरेगा के अधिकारियों का कहना है कि मनरेगा में समय से भुगतान होता तो, ये आंकड़ा अभी और बढ़ता.मनरेगा में पिछले साल 27 दिसंबर से ही भुगतान बंद है. कुल 1745 करोड़ रुपया बकाया हो गया है. इस राशि के भुगतान नहीं होने के कारण मनरेगा मजदूरी का भुगतान नहीं हो रहा है. मनरेगा के अधिकारियों का कहना है कि मनरेगा में समय से भुगतान होता तो, ये आंकड़ा अभी और बढ़ता.
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