लालू मामले पर नीतीश ने संभाला नये तरीके से मोर्चा, पार्टी प्रवक्ताओं पर भी बैठाया पहरा

पटना : 16 मई को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेनामी संपत्ति के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापेमारी के बाद से बिहार का सियासी पारा पूरी तरह गरम है. मामले को लेकर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी और राजद आमने-सामने हैं. बुधवार को राजद-बीजेपी कार्यकर्ताओं में हुई हिंसक झड़प इस बात का ताजा प्रमाण है […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 18, 2017 8:20 AM

पटना : 16 मई को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेनामी संपत्ति के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापेमारी के बाद से बिहार का सियासी पारा पूरी तरह गरम है. मामले को लेकर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी और राजद आमने-सामने हैं. बुधवार को राजद-बीजेपी कार्यकर्ताओं में हुई हिंसक झड़प इस बात का ताजा प्रमाण है कि मामला किसहद तक पहुंचचुका है. इन सबके बीच एक बात जो गौर करने वाली है. वह यह है कि महागठबंधन के मुख्य घटक दल जदयू की ओर से लालू मामले पर सधी हुई बयानबाजी चल रही है. राजनीतिक जानकारों की मानें, तो यह भी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की नयी रणनीति का एक अहम हिस्सा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू मामले पर स्वयं ही मोर्चा संभाला है. दिलचस्प बात यह है कि लालू के मामले पर नीतीश कुमार ने खुद ही मोर्चा संभालते हुए पार्टी प्रवक्ताओं के बयानों पर पहरा भी लगा दिया है. गौर करने वाली बात है कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से लोक संवाद कार्यक्रम में लालू की बेनामी संपत्ति पर दिये गये जवाब के बाद से अब तक जदयू के किसी प्रवक्ता का आधिकारिक बयान मीडिया में नहीं आया है.

नीतीश ने संभाला मोर्चा

हाल के दिनों में लालू परिवार पर बेनामी संपत्ति रखने के बड़े आरोप बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी की ओर से लगाये गये. हालांकि, उसकी जवाब में राजद की ओर से भी कई आरोप सुशील मोदी पर लगाये गये. इन सबके बीच बयानबाजी का दौर जारी रहा. जदयू के प्रवक्ता इस मसले पर बोलने से बचते रहे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर मामले को लेकर चुप्पी साधने का आरोप भी लगा. सीएम नीतीश ने सोमवार को लोक संवाद कार्यक्रम में इस बात का जवाब दिया और अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पत्रकारों के प्रश्नों का खुलकर जवाब दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि भाजपा को लगता है कि उनका आरोप सही है और किसी के पास तथ्य है तो वह कानून के पास जाये. उसके दूसरे दिन मंगलवार को दिल्ली और उसके आस पास स्थित लालू परिवार के 22 बेनामी संपत्ति के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी कर दी.

जदयू प्रवक्ताओं के नहीं आ रहे हैं बयान

छापेमारी की खबर आने के बाद भी जदयू प्रवक्ताओं की चुप्पी गहरी बनी रही. एक प्रवक्ता संजय सिंह ने टीवी चैनल को दिये बयान में सिर्फ इतना कहा कि यह मसला आयकर विभाग से जुड़ा हुआ है, वह इस मसले पर कुछ नहीं बोल सकते. बाकी, पार्टी के किसी प्रवक्ता ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी. राजनीतिक जानकारों की मानें तो छापेमारी के बाद इस मसले को लेकर होने वाली समाचार चैनलों की बहस में भी जदयू का कोई भी प्रवक्ता शामिल होने से साफ इनकार कर रहा है. जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार ने सभी प्रवक्ताओं को इस मामले पर सावधानी से अपनी बात रखने अथवा चुप रहने की सलाह दी है.

सीएम कर रहे हैं सधी हुई बयानबाजी

छापेमारी के बाद सीएम नीतीश कुमार खुद ही मोरचा संभाले हुए हैं. छापे की खबर आने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि इस बारे में जब तक पता नहीं चल जाता क्या कहा जा सकता है. नीतीश ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से पता चल रहा है 22 जगहों पर छापेमारी चल रही है. ये कहां कहां छापेमारी हो रही है, क्या उद्देश्य है ? क्या हो रहा है ? जब तक पता नहीं चलता तब तक क्या कहा जा सकता है. मुख्यमंत्री ने आयकर विभाग के छापे के सवाल पर खुद को और पार्टी को बचाते हुए काफी सावधानीपूर्वक अपना पक्ष रखा. जानकार मानते हैं कि नीतीश कुमार ने लालू के ट्वीट और इस मसले पर चल रही राजनीतिक बयानबाजी की गंभीरता को देखते हुए पार्टी के अंदर यह निर्देश जारी कर दिया है कि कोई भी प्रवक्ता इस मसले पर अपनी बात सार्वजनिक माध्यमों के सामने नहीं रखे. गत दो दिनों से जदयू के किसी भी प्रवक्ता का बयान टीवी या किसी चैनल में नहीं देखा गया है.

यह भी पढ़ें-
लालू के 22 ठिकानों पर IT की रेड के बाद नीतीश के बयान के क्या हैं निहितार्थ, जानें

Next Article

Exit mobile version