BSSC पेपर लीक मामला : एसआइटी के टारगेट पर IAS सीके अनिल

पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी की जांच तेजी से चल रही है. खामोशी से अंदरखाने बड़ी कार्रवाई की तैयारी है. इसके लिए एसआइटी कड़ा होमवर्क कर रही है. सबसे पहले पेपरवर्क किया जा रहा है. कोर्ट से लेकर एफएसएल तक एसआइटी दौड़ लगा रही है. आइएएस सीके अनिल एसआइटी के टारगेट पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 8, 2017 7:25 AM
पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी की जांच तेजी से चल रही है. खामोशी से अंदरखाने बड़ी कार्रवाई की तैयारी है. इसके लिए एसआइटी कड़ा होमवर्क कर रही है. सबसे पहले पेपरवर्क किया जा रहा है. कोर्ट से लेकर एफएसएल तक एसआइटी दौड़ लगा रही है. आइएएस सीके अनिल एसआइटी के टारगेट पर हैं. उन पर हाथ डालने से पहले एफएसएल की एक रिपोर्ट एसआइटी कोर्ट में सबमिट करेगी. एक अधिकारी ने साफ किया है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है, जांच की दिशा सही है, एविडेंस के आधार पर एसआइटी ठोस कार्रवाई करेगी.
…तो क्या शहर से बाहर हैं सीके अनिल
आयोग के ओएसडी पद पर तैनात आइएएस सीके अनिल का मोबाइल फोन करीब एक हफ्ते से स्विच ऑफ है. एसआइटी सूत्रों के अनुसार उनका लोकेशन शहर में नहीं है. वे शहर से बाहर हैं. खुले तौर पर एसअाइटी उनके तलाश की बात स्वीकार नहीं कर रही है, लेकिन साफ तौर पर मना भी नहीं कर रही है. सबकुछ चुपचाप हो रहा है. एक तरफ ठोस सबूत के दावे हैं, तो दूसरी तरफ एसआइटी की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. फिलहाल एसआइटी की जांच जारी है.
आनंद की तलाश में फिर जायेगी टीम
बीएसएससी पेपर लीक में एसआइटी के अनुसंधान का तुरुप का पत्ता साबित होनेवाला आनंद बरार अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है. सप्ताह भर पहले दिल्ली और हरियाणा से छापेमारी कर खाली हाथ लौट चुकी एसआइटी एक बार फिर आनंद की तलाश में आउट अाॅफ स्टेशन गयी हुई हैं. हालांकि, एसआइटी इस बार बेहद गोपनीय तरीके से छापेमारी में जुटी है.
केस डायरी में लिखे जा रहे आरोप
बीएसएससी पेपर लीक कांड मामले में केस डायरी लिखने में जुटी तीन सदस्यीय टीम सबूतों के तस्दीक के बाद आरोप लिख रही है. सभी दस्तावेज दुुरुस्त किये जा रहे हैं. कागजी सबूत, इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस और बरामद मोबाइल फोन समेत अन्य सामान सहेजे जा रहे हैं.
बीसीइसीइ से होता था सारा काम
पटना. बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के दफ्तर से नहीं, बल्कि बीसीइसीइ के दफ्तर से आयोग की परीक्षाओं का सारा काम होता था. आयोग के चेयरमैन चूंकि बीसीइसीइ के परीक्षा कंट्रोलर भी थे, इस कारण उनका ज्यादातर समय वहीं पर गुजरता था. चेयरमैन वहीं पर आइटी मैनेजर नीति प्रताप को बुलाते थे. वहां के कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि चेयरमैन के अलावा वहां पर आइटी मैनेजर का भी आना-जाना हुआ करता था. किसी और को बिना अनुमति वहां से जाने की मनाही थी.
बीएसएससी दफ्तर में संसाधनों की कमी
बीएसएससी का दफ्तर चूंकि बुनियादी कमियों से भी जूझ रहा है. इस कारण भी यह व्यवस्था थी. बीसीइसीइ का दफ्तर हाइटेक है और वहां पर सीसीटीवी कैमरे समेत कंप्यूटर से जुड़ी सुविधाएं ज्यादा है. इस कारण भी वहीं पर परीक्षाअों का काम निबटाया जाता था. एक कर्मचारी ने बताया कि जब भी अध्यक्ष आते थे, तो डाटा इंट्री ऑपरेटर उनके आगे-पीछे रहता था. यही नहीं उसने उनका विश्वास भी जीत लिया था. वह फाइलों को निबटाने में भी अपनी भूमिका निभाता था.
प्रिटिंग प्रेस मामले में पटना पहुंचे दो अधिकारी
पटना. पेपर लीक मामले में गुजरात हाइकोर्ट ने आपत्ति नोटिस जारी किया है. यह नोटिस अहमदाबाद में मौजूद कोनफिसेक प्रिंटिंग प्रेस में सर्च वारंट के लिए जाने के बाद किया गया है. इसके लिए गुजरात हाइकोर्ट की दो सदस्यीय टीम पटना आयी है. नोटिस रिसीव कराने के लिए टीम अगमकुआं थाने पहुंची. नोटिस रिसीव कर लिया गया है. अब एसआइटी प्रिंटिंग प्रेस की तलाशी नहीं ले पायेगी.

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