राज्य में 93.35 फीसदी सड़कें बनीं बेहतर, ग्रामीण इलाकों में रोजी-रोजगार सहित कानून-व्यवस्था में मिल रही मदद
राज्य में ग्रामीण सड़कों के रखरखाव की नीति के तहत 93.35 फीसदी सड़कें बेहतर बन चुकी हैं. इस नीति के तहत अन्य बची सड़कों को भी बेहतर करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है.
संवाददाता, पटना राज्य में ग्रामीण सड़कों के रखरखाव की नीति के तहत 93.35 फीसदी सड़कें बेहतर बन चुकी हैं. इस नीति के तहत अन्य बची सड़कों को भी बेहतर करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. इस मामले में पूर्वी चंपारण अव्वल है. दूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर में और तीसरे स्थान पर पश्चिम चंपारण जिला है. ग्रामीण सड़कों के रखरखाव का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश के तहत बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 के माध्यम से किया जा रहा है. इससे गांव के लोगों को बाजार, अस्पताल, स्कूल और रोजी-रोजगार में मदद मिल रही है. साथ ही बेहतर सड़कों के माध्यम से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था को बनाये रखने में भी मदद मिल रही है. 37 हजार 589 किमी लंबाई में बेहतर हुई ग्रामीण सड़क सूत्रों के अनुसार बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 के तहत 16,174 सड़कों की रखरखाव करने का लक्ष्य था. इसकी कुल लंबाई 40 हजार 265 किमी है. इसमें अब तक 37 हजार 589 किमी लंबाई की 15 हजार 589 सड़कों को बेहतर बनाया गया है. राज्य की ग्रामीण सड़कों का चेहरा बदलने से बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवनस्तर भी बेहतर हुआ है. सबसे अधिक पूर्वी चंपारण में बदली है ग्रामीण सड़कों की सूरत सड़कों की मरम्मत के मामले में राज्य का पूर्वी चंपारण जिला अव्वल है. यहां चयनित कुल 957 सड़कों में 918 सड़कों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है. इसकी कुल लंबाई 2 हजार 392 किमी है. इसके बाद दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर जिला है. मुजफ्फरपुर जिले की कुल 718 सड़कों में 694 सड़कों की मरम्मति हो चुकी है. मुजफ्फरपुर में कुल 1861.53 किमी ग्रामीण सड़कों की मरम्मत का लक्ष्य तय किया गया था, जिसके विरुद्ध 1742.86 किमी सड़क की मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया है. ग्रामीण सड़कों के कायाकल्प के मामले में पश्चिम चंपारण जिला तीसरे स्थान पर है. यहां कुल 617 ग्रामीण सड़कों को बेहतर करने का लक्ष्य निर्धारित था. इसकी कुल लंबाई 2091 किमी है, इसमें से 2052.82 किमी सड़कें बेहतर बनायी गयी हैं. इसके अलावा सारण में 1750 किमी, समस्तीपुर में 1416 किमी, गयाजी में 1412 किमी और वैशाली 1389 किमी बेहतर बनायी गयी हैं.
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