गिरिराज की मांग- आतंकवाद से निबटने को हो सख्त कानून

पटना : केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि देश में आतंकवाद से निबटने के लिए और सख्त कानून की जरूरत है. वे भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. भोपाल में आतंकवादियों के एनकाउंटर मामले में उन्होंने कहा कि फर्जी एनकाउंटर बतानेवालों को आतंकियों के हमले में मारे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 2, 2016 6:31 AM
पटना : केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि देश में आतंकवाद से निबटने के लिए और सख्त कानून की जरूरत है. वे भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. भोपाल में आतंकवादियों के एनकाउंटर मामले में उन्होंने कहा कि फर्जी एनकाउंटर बतानेवालों को आतंकियों के हमले में मारे गये पुलिसकर्मी रमाशंकर यादव के प्रति को कोई संवेदना नहीं है.
फर्जी एनकाउंटर कहनेवाले देश की हित में बात नहीं कर रहे हैं. असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य नेताओं के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि वोट की राजनीति के लिए ऐसे नेता किसी भी स्तर तक जाने को तैयार हैं.आतंकियों के लिए विलाप करनेवाले ऐसे नेताओं को देश की जनता सबक सिखायेगी.
भोपाल मुठभेड़ पर संदेह तुष्टीकरण का चरम
पटना. वरिष्ठ भाजपा नेता सह लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने कहा है कि नेताओं और दलों द्वारा वोटों के लिए तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि भोपाल में हुए पुलिसिया मुठभेड़ पर बिहार में बैठे महागंठबंधन के नेता सवाल खड़ा कर रहे हैं, पर जेल में तैनात हवलदार रमाशंकर यादव की हत्या पर उफ! तक नहीं कर रहे हैं. छद्म धर्मनिरपेक्षता का मुखौटा लगाये चंद नेता एक खास समुदाय को खुश करने के लिए आतंकवादियों के हमदर्द बने बैठे हैं.
आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का पक्षधर जदयू
पटना : जदयू के प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जदयू कठोरतम कार्रवाई का पक्षधर है.बिहार में जंगलराज का राग अलापनेवाली भाजपा को जवाब देना चाहिए कि मध्यप्रदेश में आतंकियों द्वारा जेल ब्रेक की घटना को क्या नाम दिया जाये? जंगलराज या मंगलराज.
अगर यही घटना बिहार में होती तो, भाजपा मुख्यमंत्री के इस्तीफे को लेकर आसमान सर पर उठा लेती और देशद्रोह से लेकर तरह-तरह के आरोपों की झड़ी लगा देती. अपने मुख्यमंत्री के निकम्मेपन पर भाजपा की बोलती क्यों बंद है? भाजपा की कथनी और करनी में काफी अंतर है.

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