ट्रैक पर लौट आयीं 85 प्रतिशत ट्रेनें, पर किराया अब भी दोगुना, जानिये क्या कहते हैं रेल अधिकारी

कोविड संक्रमण का असर कम होने के बाद यात्रियों की सुविधा के लिए लगभग 85 फीसदी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें वापस पटरी पर लौट गयी हैं. इसके अलावा 45 फीसदी पैसेंजर ट्रेनें भी चलायी जा रही हैं.

By Prabhat Khabar | June 25, 2021 11:35 AM

पटना . कोविड संक्रमण का असर कम होने के बाद यात्रियों की सुविधा के लिए लगभग 85 फीसदी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें वापस पटरी पर लौट गयी हैं. इसके अलावा 45 फीसदी पैसेंजर ट्रेनें भी चलायी जा रही हैं. बावजूद रेल से सफर करने वाले यात्रियों को कोविड से पहले लगनेवाले किराये से दोगुना अधिक किराया तक देना पड़ रहा है.

लंबी दूरी की ट्रेनों से लेकर दैनिक यात्रियों पर किराया का बोझ बढ़ा है. हालांकि रेलवे का इस मामले में अपना तर्क है कि काेविड के कारण ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ को कम करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है, ताकि बहुत आवश्यक होने पर ही लोग सफर कर सकें. स्थिति सामान्य होने पर रेलवे इस पर विचार करेगा.

जानकारों के अनुसार मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में अभी आरक्षण के बगैर सफर करने की मनाही है. सेकेंड सीटिंग में जाने पर भी आरक्षण जरूरी है. इससे यात्रियों को पहले की अपेक्षा अधिक किराया देना पड़ रहा है. अभी जो भी पैसेंजर चल रही हैं. उन सभी ट्रेनों में मेल/एक्सप्रेस का किराया लग रहा है. जानकारों के अनुसार लंबी दूरी की सभी ट्रेनें कोविड स्पेशल व फेस्टिवल स्पेशल के नाम पर चलायी जा रही हैं. इनका किराया सामान्य से काफी अधिक है.

डेढ़ गुना तक लग रहा है अधिक किराया

मसलन पटना से दिल्ली स्लीपर में करीब सौ रुपये अधिक, जबकि एसी में डेढ़ गुणा तक अधिक किराया लग रहा है. उदाहरण के लिए पटना से धनबाद जाने वाली गंगा दामोदर एक्सप्रेस में पहले स्लीपर का किराया 195 रुपये था, जो अब 295 रुपये लिया जा रहा है. इसी तरह, थर्ड एसी का किराया 395 रुपये की जगह प्रति पैसेंजर 770 रुपये लिये जा रहे हैं.

अलग-अलग गाड़ियों के हिसाब से अलग-अलग तरीके का किराया लिया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक पैसेंजर ट्रेनों में लगभग 20 रुपये अधिक किराया लग रहा है. जबकि सेकेंड सीटिंग यानी जेनरल क्लास में लगभग 60 रुपये अधिक देने पड़ रहे हैं. दानापुर से पटना सिटी का पैसेंजर का किराया 10 रुपये लगता था.

अभी पैसेंजर ट्रेन से सफर करने के बावजूद 30 रुपये किराया लग रहा है. दूरी के हिसाब से और अधिक है. यानी पैसेंजर ट्रेन होने पर मेल/एक्सप्रेस का किराया लग रहा है. एसी के किराये में अधिक बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल कोविड संक्रमण का दौर शुरू होने के बाद चलनेवाली ट्रेनों में किराये में बढ़ोतरी हुई है.

85 फीसदी ट्रेनें चल रहीं

पूर्व मध्य रेल में 310 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं. कोविड के कारण अभी 196 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें ही चल रही हैं. वहीं, 384 पैसेंजर ट्रेनों की जगह 175 ट्रेनें चल रही हैं. फेस्टिवल स्पेशल के नाम पर 68 ट्रेनें चल रही हैं. इन ट्रेनों में स्पेशल किराया लेने की बात कही जा रही है.

क्या कहते हैं अधिकारी

पूमरे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा कि कोविड संक्रमण को लेकर ट्रेनों में भीड़ कम करने के लिए मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में सेकेंड सीटिंग में आरक्षण की व्यवस्था की गयी है. यात्रियों की डिमांड व सफर को लेकर असुविधा नहीं हो, इसके लिए ट्रेनाें की संख्या बढ़ायी जा रही है.

Posted by Ashish Jha

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