एससी-एसटी को मिलने वाली मुआवजा राशि बढ़ी

कौशिक रंजन पटना : एससी-एसटी समुदाय के लोगों के खिलाफ किसी तरह का अपराध होने पर उन्हें मिलने वाले मुआवजे की राशि में बढ़ोतरी कर दी गयी है. साथ ही पहले एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत 21 बिन्दुओं पर मुआवजे की राशि दी जाती थी. अब इसे बढ़ाकर 47 कर दिया गया है. यानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2016 7:13 AM
कौशिक रंजन
पटना : एससी-एसटी समुदाय के लोगों के खिलाफ किसी तरह का अपराध होने पर उन्हें मिलने वाले मुआवजे की राशि में बढ़ोतरी कर दी गयी है. साथ ही पहले एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत 21 बिन्दुओं पर मुआवजे की राशि दी जाती थी. अब इसे बढ़ाकर 47 कर दिया गया है.
यानी अब 47 प्रकार के मामलों या घटनाओं में इन अभिवंचित वर्ग के लोगों को मुआवजा दिया जायेगा. केंद्र सरकार की तरफ से संशोधित किये गये इन नये प्रावधानों से संबंधित आदेश सभी जिलों को भेज दिया है. ताकि एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम में पीड़ितों को नये प्रावधानों के तहत उचित मुआवजा मिल सके.
किसी एससी-एसटी पर अत्याचार होने की स्थिति में थाना स्तर पर ही मुकदमा दर्ज करते हुए अपराध की प्रवृत्ति के अनुसार मुआवजे की अनुशंसा की जा सके.
नये संशोधित कानून में यह भी प्रावधान किया गया है कि मुआवजे की राशि पीड़ितों को तीन चरण में दी जायेगी. पहली किस्त- घटना की पुष्टि होने के तुरंत बाद, दूसरी किस्त- न्यायालय को आरोप पत्र भेजने के बाद और तीसरी किस्त- न्यायालय की तरफ से दोष साबित करने या दोषी को सजा सुनाने के बाद. मुआवजे की राशि न्यूनतम 85 हजार और अधिकतम 8.25 लाख रुपये रखी गयी है. अपराध की प्रकृति के मुताबिक अलग-अलग मुआवजा का प्रावधान है.
किसी एससी-एसटी की हत्या करने पर पीड़ित के आश्रितों को 7.50 लाख से बढ़ाकर 8.25 लाख मुआवजा मिलेगा.डायन या जादू-टोना का आरोप लगाकर किसी महिला को प्रताड़ित करने पर मुआवजा 80 हजार से बढ़ाकर एक लाखगलत या मिथ्य साक्ष्य देकर या गढ़कर किसी को फंसाने के मामले में चार से बढ़ाकर पांच लाख रुपये मुआवजाबलात्कार पीड़ित महिला को पांच लाख, पहले चार लाख मिलते थे.
सामूहिक बलात्कार की पीड़ित महिला को 8.25 लाख मिलेंगे, पहले इसमें भी पांच लाख देने का प्रावधान था.हत्या, मृत्यु, सामूहिक हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, स्थायी अक्षमता और डकैती के पीड़ितों को विशेष मदद मिलेगी.
मृतक व्यक्ति की विधवा को प्रति महीने 50 हजार पेंशन और जमीन, कृषि योग्य भूमि या रोजगार का बंदोबस्त करना.पीड़ित के बालकों को स्नातक तक की शिक्षा का पूरा खर्च और उनका भरण-पोषण. सरकार ऐसे बच्चों का दाखिला आश्रम या आवासीय स्कूलों में करवायेगी.
बर्तन, चावल, गेहूं, दाल, दलहन आदि सामग्रियों की तीन महीने का बंदोबस्त करना.
ये प्रमुख नये प्रावधान किये गये शामिल
लोक सेवक के हाथों पीड़ित करने पर दो लाख का मुआवजा
घर को पूर्ण रूप से नष्ट करने या जलाने पर नया घर बनाकर देना सामाजिक या आर्थिक बहिष्कार करना या उसकी धमकी देना पंचायत या नगर पालिका के जन प्रतिनिधियों को कर्तव्यों पालन के लिए मजबूर करना या इसमें बाधा डालना इसके अलावा अन्य प्रावधानों में कई संशोधन जोड़े गये हैं