शराब नहीं तो कुछ और सही, नशे के लिये कफ सीरप का इस्तेमाल बढ़ा, पढ़ें

पटना / अररिया : बिहार में इन दिनों पूर्ण शराबबंदी है. शराब की तलाश में शराबी तरह-तरह के उपाय करते हुए उत्पाद विभाग के हाथों पकड़े जा रहे हैं. बिहार से लगने वाली दूसरे राज्यों की सीमाओं पर शाम के वक्त भारी संख्या में शराबी दूसरे राज्यों में जाकर शराबखोरी कर रहे हैं. इसे देखते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 18, 2016 12:00 PM

पटना / अररिया : बिहार में इन दिनों पूर्ण शराबबंदी है. शराब की तलाश में शराबी तरह-तरह के उपाय करते हुए उत्पाद विभाग के हाथों पकड़े जा रहे हैं. बिहार से लगने वाली दूसरे राज्यों की सीमाओं पर शाम के वक्त भारी संख्या में शराबी दूसरे राज्यों में जाकर शराबखोरी कर रहे हैं. इसे देखते हुए उत्पाद विभाग ने सीमावर्ती इलाकों में जांच का दायरा बढ़ा दिया है. शराबबंदी के बाद से सैकड़ों की संख्या में शराब पीने वाले और शराब की तस्करी करने वाले गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं दूसरी ओर नशा करने वाले अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं. अब उन्होंने नशा के लिये जीवन रक्षक दवाईयों का प्रयोग करना शुरू कर दिया है.

खांसी और कफ सीरप का इस्तेमाल

इसी क्रम में बिहार के अररिया जिला के नगर थाना अंतर्गत ओमनगर इलाका स्थित एक घर से पुलिस ने 11.5 लाख रुपये मूल्य का कफ सीरप जब्त किया है. पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर ओमनगर निवासी टुन-टुन पोद्दार के घर में छापेमारी के दौरान 141 कार्टन कफ सीरप जब्त किये गए. इस मामले में पोद्दार को गिरफ्तार कर लिया गया है और दवा एजेंसी के मालिक आलोक जैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

बिहार में प्रतिबंधित है कफ सीरप

शराबबंदी के बाद बिहार सरकार द्वारा नशे के लिये प्रयोग में लाये जाने वाले कुछ कफ सीरप को प्रतिबंधित भी कर दिया है. हालांकि नशा करने वालों द्वारा भारी मात्रा में कफ सीरप की तस्करी और उसे नशे के रूप में प्रयोग में लाया जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के मद्देनजर नशे के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कफ सीरप की बिक्री को राज्य सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है.

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