आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल को मिला नीतीश का साथ

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटेल समुदाय के अन्य पिछडा वर्ग के तहत आरक्षण दिये जाने की मांग को न्यायोचित बताते हुए आज कहा कि गुजरात में यह मांग जोर पकड़ चुकी है तथा उसकी अनदेखी करना किसी के लिए संभव नहीं है. यहां आज मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों के आरक्षण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2015 8:05 PM

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटेल समुदाय के अन्य पिछडा वर्ग के तहत आरक्षण दिये जाने की मांग को न्यायोचित बताते हुए आज कहा कि गुजरात में यह मांग जोर पकड़ चुकी है तथा उसकी अनदेखी करना किसी के लिए संभव नहीं है. यहां आज मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों के आरक्षण के लिए ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर गुजरात में पटेल समुदाय के सरकार पर दबाव बनाने की खातिर आज एक बडी रैली आयोजित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, मेरी शुभकामना है और वहां के पाटीदार लोगों की ओबीसी वर्ग में शामिल होने की मांग न्यायोचित है और वह उन्हें मिलना चाहिए.

उन्होंने कहा कि देश के दूसरे राज्यों में उनके समकक्ष समुदायों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है तो संभवत: इसी सिलसिले में उन्होंने कहा होगा और गुजरात में यह मांग जोर पकड चुकी है तथा उसकी अनदेखी करना किसी के लिए संभव नहीं है. पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक 22 वर्षीय हार्दिक पटेल द्वारा उन्हें अपना नेता बताए जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि गुजरात से जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक एक युवा नेता के तौर पर वह उभर रहे हैं और ऐसी स्थिति में जब उन्हें इतना बडा जनसमर्थन है तो हमारी समझ से इस बारे में गुजरात सरकार को सोचना होगा.

पटेल समुदाय के गुजरात की भाजपा सरकार को यह चेतावनी दिए जाने कि अगर उनकी मांग स्वीकार नहीं की गई तो 2017 के चुनावों में उन्हें परिणाम भुगतने होंगे, इस पर नीतीश ने कहा कि अब तक सबका वोट लेते रहे हैं. उनकी मांग पर वहां की सरकार क्या निर्णय लेती है यह देखने वाली बात होगी. जनगणना के आंकडे एकत्रित करने के चार साल से अधिक समय बाद आज धर्म आधारित आंकडे जारी किये जाने के बारे में नीतीश ने कहा कि ये तो नियमित जनगणना जो कि पिछली बार 2011 में हुआ था का अंग है और इसमें कोई खास और नई बात नहीं है. यह आम प्रक्रिया है तथा इसका आर्थिक, सामाजिक जातिगत जनगणना से कोई संबंध नहीं है. आज जारी आंकडे देर से जारी किए गए आंकडे हैं जो वर्ष 2011 के जनगणना के हैं.