भूकंप सूचना केंद्र के लिए छह जगह चिह्न्ति

राज्य में 13 जगहों पर स्थापित होगा भूकंप मापक केंद्र, भूकंप की मिलेगी पूर्व सूचना फिलहाल एक ही केंद्र से मिलती है भूकंप की जानकारी सायंस कॉलेज में भूकंप से संबंधित सूचनाओं का होगा संग्रहण पटना : राज्य में जल्द ही भूकंप आने के पूर्व सूचना मिलेगा. इसके लिए 13 नये जगहों पर भूकंप मापक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 25, 2014 7:08 AM
राज्य में 13 जगहों पर स्थापित होगा भूकंप मापक केंद्र, भूकंप की मिलेगी पूर्व सूचना
फिलहाल एक ही केंद्र से मिलती है भूकंप की जानकारी
सायंस कॉलेज में भूकंप से संबंधित सूचनाओं का होगा संग्रहण
पटना : राज्य में जल्द ही भूकंप आने के पूर्व सूचना मिलेगा. इसके लिए 13 नये जगहों पर भूकंप मापक केंद्र की स्थापना की जा रही है. इसमें दस जगहों पर विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग द्वारा केंद्र की स्थापना होगी, जबकि तीन नये जगहों पर भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा इसे स्थापित किया जायेगा. भूकंप से मिली सूचना का संग्रहण साइंस कॉलेज के भू गर्भ विज्ञान विभाग में होगा.
इसके लिए वैज्ञानिकों टीम 24 घंटे सूचना का संग्रहण करते रहेंगे. फिलहाल राज्य में सिर्फ भारत मौसम विज्ञान विभाग का सिर्फ एक भूकंप मापक केंद्र पश्चिम चंपारण में स्थापित है. आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अधिकारी ने बताया कि ऐसे केंद्रों की स्थापना के साथ ही बिहार में भूकंप की सूचना के लिए पर्याप्त सुविधा मिल जायेगी. बिहार भूकंप की सूचना के लिए सबसे उन्नत गुजरात का बराबरी कर लेगा. इन सूचनाओं के आधार पर राज्य में आने वाली भूकंप की सूचना पूर्व में ही मिलेगा.
आपदा प्रबंधन प्राधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग द्वारा राज्य में दस जगहों पर केंद्र स्थापित होगा. इसके लिए स्थलों को चिह्न्ति कर लिया गया है. छह जगहों का चयन भी कर लिया गया है. इसमें पटना, मोतिहारी, छपरा, मुजफ्फरपुर, सहरसा और पूर्णिया जिले शामिल हैं. जहां जगहों को चिह्न्ति करने का कार्य लंबित है उसमें गोपालगंज, दरभंगा, शिवहर और लखीसराय शामिल है.
प्राधिकार के उपाध्यक्ष अनिल सिन्हा ने बतायाकि सटीक सूचना के लिए यह केंद्र ऐसे जगहों पर स्थापित किया जाता है जो आम लोगों के आवागमन, सड़क, रेल लाइन आदि से दूर हो. ताकि जमीन में होने वाली हलचल बाहरी गतिविधि से प्रभावित न हो.
उन्होंने कहा कि ऐसे केंद्रों को राज्य सरकार के आइटीआइ, पोलिटेकनिक कॉलेजों में स्थापित करने का निर्णय किया गया है. यहां इन केंद्रों की देखभाल आसानी से होगा. उन्होंने कहा कि 2015 के शुरू में ही सभी केंद्र कार्य करने लगेंगे. इससे राज्य में भूकंप की सटीक सूचना मिलेगा. हम आपदा को कम करने में सफल होंगे.

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