जेडीयू सांसद ने राज्यसभा में उठाया जातिगत जनगणना का मुद्दा, सभापति बोले…

नयी दिल्ली : जेडीयू के सांसद रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान जातिगत जनगणना का मामला उठाया. उन्होंने सरकार से साल 2021 में जनगणना के साथ जातिगत जनगणना कराये जाने की मांग की. उन्होंने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मांग को कई बार उठा चुके हैं. जानकारी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 7, 2020 1:43 PM

नयी दिल्ली : जेडीयू के सांसद रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान जातिगत जनगणना का मामला उठाया. उन्होंने सरकार से साल 2021 में जनगणना के साथ जातिगत जनगणना कराये जाने की मांग की. उन्होंने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मांग को कई बार उठा चुके हैं.

जानकारी के मुताबिक, जेडीयू के सांसद रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान साल 2021 में जनगणना के साथ जातिगत जनगणना कराये जाने की मांग सरकार से की. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल में साल 1931 में जातिगत जनगणना की गयी थी. इसके बाद यूपीए सरकार ने साल 2010 में जातिगत जनगणना कराये जाने की कोशिश की, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका.

रामनाथ ठाकुर ने सरकार को बताया कि जाति आधारित जनगणना कराये जाने से पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की संख्या का पता चलेगा. इससे उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाना आसान हो जायेगा. साथ ही कहा कि जातिगत जनगणना इसलिए भी जरूरी है कि सबको विकास का लाभ मिल सके और वंचित जातियां मुख्यधारा से जुड़ सकें. इसलिए सरकार साल 2021 में प्रस्तावित राष्ट्रीय जनगणना में जातिगत जनगणना को शामिल करे. उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना नहीं होने से पिछड़ेवर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को विकास कार्यों का पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है. जेडीयू सांसद रामनाथ ठाकुर की मांग पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के बिना जातिगत जनगणना संभव नहीं है.

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