पटना : सीनियर होकर भी नहीं बन पा रहे आइएएस, जूनियर का पहले हो जा रहा प्रोमोशन

पटना : राज्य में बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के पदाधिकारी सीनियर होने के बाद भी आइएएस नहीं बन पा रहे हैं, जबकि गैर प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी जूनियर होने के बाद भी आइएएस बन जा रहे हैं. इस असमानता की वजह से राज्य प्रशासनिक सेवा (एससीएस) से आइएएस में प्रोन्नति से भरे जाने वाले 63 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 28, 2020 6:04 AM
पटना : राज्य में बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के पदाधिकारी सीनियर होने के बाद भी आइएएस नहीं बन पा रहे हैं, जबकि गैर प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी जूनियर होने के बाद भी आइएएस बन जा रहे हैं. इस असमानता की वजह से राज्य प्रशासनिक सेवा (एससीएस) से आइएएस में प्रोन्नति से भरे जाने वाले 63 पद वर्तमान में खाली पड़े हुए हैं. राज्य सरकार के स्तर से आइएएस में प्रोन्नति देने से संबंधित व्यापक पहल पिछले चार वर्षों से नहीं होने के कारण इसे भरने की कवायद अब तक नहीं हुई है.
नियमानुसार राज्य में आइएएस के कुल 342 स्वीकृत पदों में 33. 33 फीसदी कोटा प्रशासनिक सेवा या बिप्रसे के पदाधिकारियों से भरा जाना अनिवार्य है. इसके मद्देनजर इस कोटे से भरने के लिए 104 पद स्वीकृत हैं, जिनमें अभी महज 40 पद ही भरे हुए हैं, जबकि सेलेक्ट लिस्ट के अनुसार प्रोन्नति के योग्य करीब 40 पदाधिकारी वेटिंग में ही चल रहे हैं. अभी बिप्रसे के 1989 बैच तक के पदाधिकारी आइएएस बन चुके हैं. अगर समय पर प्रोन्नति मिलती, तो 1994-95 बैच तक के पदाधिकारी आइएएस बन जाते.
बासा का शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा : बासा के महासचिव अनिल कुमार ने कहा कि इस मामले को लेकर जल्द बासा का शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पूरी स्थिति से अवगत करायेगा.जरूरत पड़ी तो इस मामले को राष्ट्रीय फोरम पर भी उठाया जायेगा.
1996 बैच तक के पदाधिकारियों की हो चुकी है प्रोन्नति
वहीं, दूसरी तरफ गैर प्रशासनिक सेवा के 1996 बैच तक के पदाधिकारियों की आइएएस में प्रोन्नति हो चुकी है. वर्तमान में इस कोटा के प्रोन्नति से भरे जाने के लिए 15 पद स्वीकृत हैं, जिनमें महज एक पद खाली है. गैर प्रशासनिक सेवा के कई पदाधिकारी तो आठ से 10 वर्षों की सर्विस के बाद ही आइएएस में प्रोमोट हो जा रहे हैं. दूसरी तरफ से बिप्रसे के पदाधिकारी की 22 साल सेवा के साथ तमाम योग्यता रखने के बाद भी प्रोमोट नहीं हो पा रहे हैं. इससे संबंधित नियम को 2012 में बदल दिया गया.
इसके बाद से प्रोन्नति से संबंधित मामले में यह समस्या उत्पन्न हो गयी. इस वजह से गैर प्रशासनिक सेवा के बड़ी संख्या में पदाधिकारी जूनियर होने के बाद भी आइएएस में प्रोन्नत होने के बाद प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों से रैंक में सीनियर हो जा रहे हैं. यानी इससे सीनियर पदाधिकारी जूनियर और जूनियर वाले सीनियर हो गये हैं. अब अगर सीनियर पदाधिकारियों को प्रोन्नति भी मिल जाती है, तब भी वह अपने जूनियर से ऊपर नहीं हो पायेंगे. जूनियर एक बार सीनियर हो गये, तो रिटायरमेंट तक सीनियर ही बने रहेंगे.

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