नये नागरिकता कानून को लेकर बिहार-झारखंड में कोई शरणार्थी समस्या नहीं : सुशील मोदी

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि नये नागरिकता कानून को लेकर पंजाब, पश्चिम बंगाल असम और पूर्वोत्तर के उन राज्यों में लोगों को कुछ समस्या हो सकती है, जहां पड़ोसी देशों से शरणार्थियों का आना हुआ है. गृह मंत्री ने उनकी आपत्तियों को ध्यान में रख कर कानून में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2019 6:51 PM

पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि नये नागरिकता कानून को लेकर पंजाब, पश्चिम बंगाल असम और पूर्वोत्तर के उन राज्यों में लोगों को कुछ समस्या हो सकती है, जहां पड़ोसी देशों से शरणार्थियों का आना हुआ है. गृह मंत्री ने उनकी आपत्तियों को ध्यान में रख कर कानून में बदलाव के संकेत भी दिये हैं, लेकिन बिहार-झारखंड में कोई शरणार्थी समस्या नहीं है. राजद और कांग्रेस के लोग बतायें कि जब नागरिकता कानून से बिहार पर कोई सीधा असर ही नहीं पड़ता, तब इसके विरोध में उकसा कर राज्य का अमन-चैन छीनने की कोशिश क्यों की जा रही है? उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या नागरिकता बिल के बहाने संसदीय चुनाव में सूपड़ा साफ होने का बदला शांतिप्रिय जनता से लिया जाएगा?

सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि संशोधित नागरिकता कानून पाकिस्तान सहित तीन मुसलिम पड़ोसी देशों में वर्षों तक अत्याचार सहने के बाद भारत में शरण लेने वाले हिंदू-ईसाई, पारसी सहित वहां के छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मानवता के नाते नागरिकता देने के लिए हैं, किसी भारतीय की नागरिकता को छीनने या उसके अधिकारों में कोई कटौती करने के लिए नहीं. गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में सभी शंकाओं का बिंदुवार निराकरण किया. इसके बावजूद कांग्रेस और राजद जैसे दल इस मुद्दे पर एक समुदाय को भड़का कर अशांति फैलाना चाहते हैं.

उपमुख्यमंत्रीने आगे कहा कि नागरिकता कानून का संबंध भारत के अल्पसंख्यकों से बिल्कुल नहीं, लेकिन राजद और कांग्रेस इस समुदाय को बेवजह डराकर केवल वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं. इन दलों को बताना चाहिए कि लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन में कितने अल्पसंख्यकों को नौकरी मिली और इनकी तालीम के लिए क्या किया गया? एनडीए सरकार ने एएमयू का किशनगंज कैम्पस शुरू किया, कब्रिस्तान की घेराबंदी करायी और पटना सिटी में इस्लामिक सेंटर का विकास किया. अल्पसंख्यकों को हताश विरोधी दलों की बंदूकों के लिए कंधा बनने के बजाय सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास की नीति पर चलने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यकीन करना चाहिए.

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