कहां ड्रोन उड़ा सकते हैं, कहां नहीं, होगी डिजिटल मैपिंग

पटना : बिहार खासकर राजधानी पटना में कहां ड्रोन को उड़ाया जा सकेगा और कहां नहीं, इसका निर्धारण जल्द कर दिया जायेगा. पटना से इसकी शुरुआत होगी. इसके तहत पूरे शहर की डिजिटल मैपिंग की जायेगी, जिसके आधार पर यह निर्धारित हो जायेगा कि कौन-कौन से स्थान अतिसंवेदनशील और संवेदनशील हैं. इन स्थानों पर ड्रोन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 11, 2019 3:41 AM

पटना : बिहार खासकर राजधानी पटना में कहां ड्रोन को उड़ाया जा सकेगा और कहां नहीं, इसका निर्धारण जल्द कर दिया जायेगा. पटना से इसकी शुरुआत होगी. इसके तहत पूरे शहर की डिजिटल मैपिंग की जायेगी, जिसके आधार पर यह निर्धारित हो जायेगा कि कौन-कौन से स्थान अतिसंवेदनशील और संवेदनशील हैं.

इन स्थानों पर ड्रोन को उड़ाने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी. अगर कोई इन इलाकों में ड्रोन उड़ाते हुए पाये गये, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. फिलहाल गृह विभाग ने राज्य में ऐसे संवेदनशील स्थानों को चिह्नित करने के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी पहले पटना में डिजिटल मैपिंग का काम करेगी.
इसके बाद अन्य महत्वपूर्ण शहरों में यह काम किया जायेगा. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में पुलिस महकमा में विशेष शाखा के एडीजी और आइबी के अतिरिक्त निदेशक इसमें सदस्य बनाये गये हैं.
रेड और येलो जोन में विभाजित करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन
यह कमेटी यह चिह्नित करेगी कि कौन-कौन से इलाके रेड जोन में आयेंगे और कौन से क्षेत्र येलो जोन में आयेंगे. रेड जोन में चिह्नित होने वाले इलाके यानी अतिसंवेदनशील क्षेत्र, इन इलाकों में ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा. इसमें राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, पुलिस मुख्यालय एवं सभी सचिवालय समेत ऐसे अन्य सभी वीआइपी इलाके आयेंगे.
इसके अलावा ऐसे अन्य सभी महत्वपूर्ण स्थानों को चिह्नित करके इसे रेड जोन में रखा जायेगा. येलो जोन में ऐसे स्थान शामिल किये जायेंगे, जिनके ऊपर उड़ाने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य होगा. अनुमति देने से पहले यह देखा जायेगा कि किन कारणों से यह अनुमति मांगी जा रही है. तमाम पहलुओं की जांच करने के बाद ही अनुमति मिलेगी.
किन स्थानों को येलो जोन में रखा जायेगा, इस पर कमेटी विचार करेगी. यह संभावना जतायी जा रही है कि जो भी बड़े धार्मिक स्थल हैं, उन्हें येलो जोन में रखा जा सकता है. हालांकि, कुछ बड़े और संवेदनशील स्थलों को रेड जोन में रखा जायेगा. फिलहाल कमेटी को इन सभी मामलों पर विचार करके अंतिम रिपोर्ट तैयार करनी है.

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