एक साल देर से टेंडर जारी, 2024 तक बनेगा गांधी सेतु के समानांतर पुल

पुल के बन जाने से पुराने महात्मा गांधी सेतु पर कम होगा दबाव पटना : राजधानी में महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले नये पुल के लिए टेंडर जारी हो गया है. पहले इस पुल का निर्माण कार्य 2023 तक पूरा कर लेना था, एक साल देरी से टेंडर जारी होने के कारण निर्माण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 23, 2019 7:41 AM
पुल के बन जाने से पुराने महात्मा गांधी सेतु पर कम होगा दबाव
पटना : राजधानी में महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले नये पुल के लिए टेंडर जारी हो गया है. पहले इस पुल का निर्माण कार्य 2023 तक पूरा कर लेना था, एक साल देरी से टेंडर जारी होने के कारण निर्माण में भी साल भर की देरी होगी. पथ निर्माण विभाग ने इसके लिए अब नयी डेटलाइन 2024 निर्धारित की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 17 दिसंबर, 2018 को आर्थिक मामले की कैबिनेट कमेटी से इसकी मंजूरी मिल चुकी है. 5.634 किलोमीटर लंबा यह पुल 2015 में घोषित प्रधानमंत्री के बिहार पैकेज का हिस्सा है. पटना के जीरो माइल से हाजीपुर के रामाशीष चौक तक बनने वाले इस पुल के निर्माण में 2926.42 करोड़ रुपये की लागत आयेगी.
पथ निर्माण विभाग इसके लिए राज्य सरकार पहले ही 115 एकड़ जमीन अधिगृहीत कर चुकी है. वर्तमान महात्मा गांधी सेतु के 38 मीटर पश्चिम अपस्ट्रीम में इपीसी मोड में नये पुल का निर्माण होगा. 18 नवंबर तक टेंडर डालने की तिथि है. एजेंसी चयन कर उसे पुल बनाने की जिम्मेवारी सौंपने की तिथि से 42 महीने में पुल को बनने की समय सीमा रखी गयी है. इस पुल को बन जाने से पुराने महात्मा गांधी सेतु पर दबाव कम होगा सूत्रों का कहना है कि इपीसी मोड पर बनने वाले इस पुल के टेंडर के लिए आवेदन करने वाले कांट्रैक्टर को अपनी कंपनी का डिजाइन भी पेश करना होगा.
नेपाल तक होगा जुड़ाव, 2926 करोड़ आयेगी लागत
नये पुल के बनने से उत्तर बिहार, नेपाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तर बंगाल आने-जाने वालों को सुविधा होगी. साथ ही यह उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने की मजबूत कड़ी साबित होगी. साथ ही सामाजिक, आर्थिक लाभ भी मिलेगा. नये पुल के निर्माण के दौरान करीब 20.94 लाख दिन प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा.

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