रिटायर्ड आइएएस अधिकारी केपी रमैया के बहाने तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर बोला हमला, कहा…

पटना : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैया के बहाने मुख्यमंत्री पर हमला बोला है. उन्होंने केपी रमैया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस उन्हें कभी गिरफ्तार नहीं कर सकी. साथ ही उन्होंने केपी रमैया को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2019 1:47 PM

पटना : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैया के बहाने मुख्यमंत्री पर हमला बोला है. उन्होंने केपी रमैया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस उन्हें कभी गिरफ्तार नहीं कर सकी. साथ ही उन्होंने केपी रमैया को मुख्यमंत्री का दुलारा अधिकारी बताया है.

तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि ”मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आंखों का तारा भ्रष्ट आइएएस अधिकारी केपी रमैया 3000 करोड़ के सृजन घोटाले में संलिप्त है. बिहार महादलित विकास मिशन के सीइओ के मात्र 25 दिनों के कार्यकाल में इन्होंने करोड़ों को गबन किया. ईनामस्वरूप मुख्यमंत्री साहब ने उन्हें वीआरएस देकर 2014 का लोकसभा चुनाव लड़वाया.”

दूसरे ट्वीट में कहा है कि ”अनेक घोटालों में लिप्त भ्रष्ट अधिकारी केपी रमैया को नीतीश कुमार की जेडीयू पुलिस कभी गिरफ्तार नहीं कर सकी. इनकी जमानत पर मीडिया में खबरें छप रही है. इस रिटायर्ड अधिकारी में ऐसा क्या है, जिसके काले कारनामों को छिपाने में सीएम व्यक्तिगत रुचि ले रहे है. क्या कहीं ना कहीं डर है कि वो…?”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा है कि ”सृजन घोटाले के जनक केपी रमैया को नीतीश जी ने हमेशा मनचाही पोस्टिंग दी और हर जगह उन्होंने सीएम की सहमति से मनमर्जी के घोटाले किये. वीआरएस देकर लोकसभा चुनाव भी लड़वाया और हार के बाद फिर लैंड ट्रिब्यूनल में बैठा दिया, वहां भी उन्होंने खूब खेला किया? नीतीश जी ने उसे कभी अरेस्ट नहीं करवाया.”

वहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री का प्रिय अधिकारी बताते हुए कहा है कि ”नीतीश जी का दुलारा, प्यारा और आंखों का तारा यह भ्रष्ट अधिकारी इतना रसूखदार है कि इसके चलते न्यायपालिका पर भी खबरें छप रही हैं. सीएम चुप हैं, क्योंकि वो हर घोटाले की कड़ी है. कहां है सीअीआइ जो रमैया के खासमखास सृजन घोटाले के मुख्य अभियुक्तों को दो साल बाद भी अरेस्ट नहीं कर पायी है?”