मेडिकल काॅलेज कैंपस से सीधे होगी डाॅक्टरों की नियुक्ति : सुशील मोदी

पटना : ‘इंडियन काॅलेज आॅफ कार्डियोलाॅजी’ के वार्षिक सम्मेलन के उद्धाटन के बाद अपने संबोधन में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगले एक साल में डाॅक्टरों की रिक्तियों को भरने के लिए मेडिकल काॅलेज कैम्पस से सीधे नियुक्तियां की जायेगी. बिहार में डाॅक्टरों, नर्सों और पारा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 3, 2019 5:08 PM

पटना : ‘इंडियन काॅलेज आॅफ कार्डियोलाॅजी’ के वार्षिक सम्मेलन के उद्धाटन के बाद अपने संबोधन में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगले एक साल में डाॅक्टरों की रिक्तियों को भरने के लिए मेडिकल काॅलेज कैम्पस से सीधे नियुक्तियां की जायेगी. बिहार में डाॅक्टरों, नर्सों और पारा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी इसलिए है कि 2005 के पहले की सरकारों ने सरकारी क्षेत्र में एक भी नया मेडिकल, नर्सिंग काॅलेज नहीं खोला. वर्तमान एनडीए सरकार 11 नये मेडिकल काॅलेज खोलने जा रही है. इस अकादमिक सत्र से बिहार के मेडिकल काॅलेजों में लगभग 1400 छात्रों का नामांकन होगा.

सुशील मोदी ने कहा कि तमिलनाडु में जहां 49 मेडिकल काॅलेज और 253 आबादी पर 1 डाॅक्टर हैं वहीं केरल में 34 मेडिकल काॅलेज और 535 पर 01 डाॅक्टर, कर्नाटक में 57 मेडिकल काॅलेज और 507 की आबादी पर 01 डाॅक्टर, वही बिहार में केवल 13 मेडिकल काॅलेज और 3207 जनसंख्या पर 01 डाॅक्टर हैं. जबकि, डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार प्रति 1000 की आबादी पर 1 डाॅक्टर होना चाहिए. दिल्ली में एक हजार की आबादी पर 3 तो केरल और तमिलनाडु में 1.5 डाॅक्टर हैं.

उन्होंने कहा कि पटना के आईजीआईएमएस, बेतिया व पावापुरी में एमबीबीएस की पढ़ाई प्रारंभ हो गयी है. पूर्णिया में 365 करोड़ की लागत से 300 बेड का, छपरा में 425 करोड़ की लागत से 500 बेड का, मधेपुरा में 781 करोड़ तथा बेतिया में 775 करोड़ की लागत से मेडिकल काॅलेज व अस्पताल निर्माणाधीन है. वैशाली, बेगूसराय, सीतामढ़ी, झंझारपुर और बक्सर में मेडिकल काॅलेज व अस्पताल के निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है. कटिहार, किशनगंज व रोहतास में निजी क्षेत्र में मेडिकल काॅलेज संचालित है. निजी क्षेत्र के अन्तर्गत सहरसा में 100 सीट और मधुबनी में 140 सीट के मेडिकल काॅलेज की स्वीकृति मिल चुकी हैं. आईजीआईएमएस के साथ हर मेडिकल काॅलेज में बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई प्रारंभ करने के निर्णय के साथ ही हर जिले में जीएनएम और अनुमंडल स्तर पर एएनएम स्कूल खोल कर अधिकांश जगहों पर पढ़ाई शुरू कर दी गयी है.

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