पटना : महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के बजट में पांच सालों में साढ़े पांच फीसदी की वृद्धि

पटना : बिहार में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर राज्य सरकार लगातार फोकस कर रही है. पिछले पांच साल में जेंडर बजट पर खर्च में साढ़े पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान महिला या जेंडर बजट पर 12 हजार 578 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया था, जो राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2019 7:10 AM
पटना : बिहार में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर राज्य सरकार लगातार फोकस कर रही है. पिछले पांच साल में जेंडर बजट पर खर्च में साढ़े पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान महिला या जेंडर बजट पर 12 हजार 578 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया था, जो राज्य के कुल बजट का 10.4 प्रतिशत था.
वहीं, यह वित्तीय वर्ष 2019-20 में बढ़कर 30 हजार 874 करोड़ हो गया, जो राज्य के मौजूदा बजट दो लाख 501 करोड़ के बजट का 15.50 प्रतिशत है. अगर राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की बात करें, तो यह कुल जीएसडीपी का 5.39 प्रतिशत है. जबकि, 2014-15 में जीएसडीपी की 3.7 प्रतिशत राशि जेंडर बजट पर खर्च की जाती थी. इस तरह राज्य सरकार महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर लगातार खर्च को बढ़ा रही है.
2008-09 में हुई थी जेंडर बजट की शुरुआत
राज्य में जेंडर बजट की शुरुआत 2008-09 में हुई थी. इसके तहत 20 विभागों की करीब 88 योजनाएं महिलाओं से संबंधित हैं. सभी योजनाएं दो श्रेणी में बांटी गयी हैं. श्रेणी-ए में वैसी योजनाएं हैं, जिनकी शत-प्रतिशत राशि महिलाओं के विकास पर खर्च होती है. जबकि श्रेणी-बी में ऐसी योजनाएं होती हैं, जिनमें 30 प्रतिशत से अधिक और 100 प्रतिशत के कम राशि खर्च होती है. इन 88 योजनाओं में आधी से थोड़ी ज्यादा योजनाएं श्रेणी-ए वाली ही हैं. इसमें शामिल प्रमुख योजनाओं में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, बालिका पोशाक योजना, बालिका साइकिल योजना, सेनेट्री नैपकिन योजना, महिला हेल्पलाइन, वन स्टॉप सेंटर, कन्या सुरक्षा योजना समेत अन्य योजनाएं शामिल हैं.
सशक्तीकरण के िलए उठे कई कदम
महिलाओं के िलए कई निर्णय लिये गये, ताकि उन्हें अलग से इसका फायदा मिल सके. मसलन, राज्य महिला सशक्तीकरण नीति- 2015, पंचायती राज एवं नगर निकाय में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण, सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी महिला आरक्षण, अलग महिला बटालियन का गठन समेत ऐसी अन्य व्यवस्था खासतौर से की गयी है. जेंडर बजट इन निर्णयों के कारण भी बढ़ा है और पहले से ज्यादा सशक्त हुआ है.