पटना : इस साल के अंत तक हर खेत को मिलेगी बिजली, सुशील मोदी ने कहा- 2005 की तुलना में बजट का आकार नौ गुना बढ़ा

विधानसभा में डिप्टी सीएम ने कहा – पहली बार बजट पर चर्चा हो रही और नेता विपक्ष सदन में नहीं हैं पटना : 2005 की तुलना में बजट का आकार नौ गुना बढ़ा, हर सेक्टर में हो रहा अच्छा काम : सुशील मोदी पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 3, 2019 6:28 AM
विधानसभा में डिप्टी सीएम ने कहा – पहली बार बजट पर चर्चा हो रही और नेता विपक्ष सदन में नहीं हैं
पटना : 2005 की तुलना में बजट का आकार नौ गुना बढ़ा, हर सेक्टर में हो रहा अच्छा काम : सुशील मोदी
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि सरकार इस साल दिसंबर के अंत तक हर खेत तक बिजली पहुंचा देगी.
विधानसभा में साल 2019-20 के आय-व्यय पर दो दिन तक चली चर्चा के बाद सरकार के जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 की तुलना में बजट का आकार नौ गुना बढ़ गया है. सरकार हर सेक्टर में अच्छा काम कर रही है. बिहार सरप्लस रेवेन्यू स्टेट बन गया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता में है.
इस साल के अंत तक हर खेत तक बिजली पहुंच जायेगी. सरकार का प्रयास है कि सिंचाई में डीजल का उपयोग खत्म हो जाये. 30 हजार सौर ऊर्जा से संचालित पंपसेट का वितरण किया जायेगा. जल्द ही इस बारे में नीतिगत निर्णय होगा. पशुपालन घोटाले के बाद बंद कर दिये गये कोषागार लेखा निदेशालय का पुनर्गठन किया जायेगा. सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे.
मोदी जब सरकार की ओर से उत्तर दे रहे थे, तो राजद और भाकपा-माले के सदस्य वेल में आ गये और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करने लगे. शोर-शराबे के बीच उपमुख्यमंत्री अपनी बात कहते रहे.
इसके बाद विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर चले गये. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सबसे अधिक 34 हजार करोड़ से अधिक शिक्षा पर खर्च होगा. स्वास्थ्य पर 9622 करोड़ और सड़कों पर 17923 करोड़ खर्च होंगे. बिजली पर एनडीए सरकार में करीब एक लाख करोड़ खर्च हुआ. हर घर में बिजली पहुंच गयी है.
बिहार का विकास रोजगार को पैदा करने वाला है. सरकार किसानों को सूखा राहत पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि इस साल जैम पोर्टल के माध्यम से दो हजार करोड़ के सामान की खरीद की योजना है.
राज्य में हर घर नल का जल और नली-गली योजना का काम बेहतर तरीके से रहा है. अन्य राज्य भी इस मॉडल को अपना रहे हैं. उप कोषागारों की संख्या कम हो रही है. वित्तीय कामकाज पर नजर रखने के लिए हर विभाग में अधिकारी की तैनाती हो रही है. चमकी बुखार पर विपक्ष को जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पर आरोप लगाने वाला विपक्ष यह तो बताये कि नेता प्रतिपक्ष कहां हैं. ऐसा पहली बार हो रहा है कि बजट की चर्चा में विपक्ष के नेता भाग नहीं ले रहे हैं.
विपक्ष ने सरकार को कोसा
चर्चा में भाग लेते हुए राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि सरकार बजट के आकार पर अपनी पीठ थपथपा रही है. लेकिन, यह नहीं बता रही है कि 2016-17 में 28 हजार करोड़ से अधिक, 2017-18 में 36 हजार करोड़ से अधिक और 2018-19 में 34 हजार करोड़ से अधिक सरेंडर किया गया.
उन्होंने कहा कि इतनी राशि सरेंडर हुई, क्या इस राशि से मुजफ्फरपुर में आइसीयू, अनुसंधान केंद्र का निर्माण नहीं हो सकता था. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता गरीब-गुरबे नहीं हैं. सरकार की प्राथमिकता अपना चेहरा चमकाने का है. उन्होंने कहा कि एमएलए फ्लैट के निर्माण की क्या जरूरत थी. इसका निर्माण सिर्फ लूट के लिए हो रहा है. म्यूजियम, बुद्ध पार्क के निर्माण की क्या जरूरत है. अल्पसंख्यक कल्याण का बजट कम कर दिया गया. हर प्रमंडल में स्टेडियम बनाने का क्या हुआ.
राजगीर के अलावा और भी जगह है. राजद के रामानुज प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है. चर्चा में जदयू के चंद्रसेन, भाकपा-माले के महबूब आलम, कांग्रेस के अमित कुमार टुन्ना, जदयू के वशिष्ठ सिंह सहित रघुनाथ प्रसाद ने भी भाग लिया.

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