बिहार सरकार चलायेगी शेल्टर होम, 12 जिलों में होगा मुख्यमंत्री वृहत आश्रय गृह का निर्माण

प्रहलाद कुमार... पटना :राज्य में चल रहे बालिका गृहों को सरकार खुद चलायेगी. मुख्यमंत्री वृहत आश्रय याेजना के नाम से शेल्टर होम बनेगा. पहले चरण में 12 जिलों में इसे संचालित किया जायेगा. करीब पांच एकड़ जमीन पर काॅलोनी के तौर पर इसे विकसित किया जायेगा. 72 चाइल्ड केयर संस्था की जगह अब 12 जिलों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2019 4:00 AM

प्रहलाद कुमार

पटना :राज्य में चल रहे बालिका गृहों को सरकार खुद चलायेगी. मुख्यमंत्री वृहत आश्रय याेजना के नाम से शेल्टर होम बनेगा. पहले चरण में 12 जिलों में इसे संचालित किया जायेगा. करीब पांच एकड़ जमीन पर काॅलोनी के तौर पर इसे विकसित किया जायेगा. 72 चाइल्ड केयर संस्था की जगह अब 12 जिलों में मुख्यमंत्री बृहत आश्रय गृह का निर्माण होगा.इसके लिए वैशाली, गोपालगंज और बक्सर में जमीन चिह्नित कर ली गयी है. बाकी जिलों में जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया जुलाई तक पूरा कर ली जायेगी.

इसके बाद भी जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों में भी इसका निर्माण कराया जायेगा. समाज कल्याण विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस पर अमल शुरू हो जायेगा.पांच एकड़ में बनने वाले आश्रय गृह में रहेंगे बुजुर्ग, लड़के व लड़कियां : 12 जिलों में बनने वाले आश्रय गृह में बुजुर्ग, लड़के और लड़कियों को रखा जायेगा. इसका निर्माण सोसाइटी की तरह होगा. शुरू में फिलहाल तीन ब्लॉक होंगे, जिसमें एक में उम्र के मुताबिक लड़के व लड़कियों काे रखा जायेगा. वहीं, बुजुर्गों को तीसरे ब्लॉक में रखा जायेगा.

  • जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया जुलाई तक होगी पूरी
  • पांच एकड़ में बनेगा बृहत आश्रय गृह, यहां शिक्षा, चिकित्सा व सुरक्षा की होगी व्यवस्था
आश्रय गृह में रहने वालों के लिए रोजगार की होगी व्यवस्था
आश्रय में रहने वाले बुजुर्ग, बालिग लड़के व लड़कियों को रोजगार की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. परिसर में रोजगार से जुड़ी मशीनें लगायी जायेंगी, ताकि उनके हाथों से बनाये हुए सामानों को अन्य जगहों पर भेजा जा सके. शुरुआती दौर में आश्रय में ब्रेड बनाने की मशीन लगाने की योजना है, जो बिहार के विभिन्न जेलों व अन्य जगहों पर भेजे जायेंगे. गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में हुई अनियमितता के बाद सरकार ने सभी शेल्टर होम को खुद चलाने का निर्णय लिया था. इसके बाद से ही विभाग को पहल करने को कहा गया था.
ये मिलेंगी सुविधाएं
  • पढ़ाई के लिए शिक्षक
  • सभी धर्मों के लिए पूजा करने का स्थान
  • खेल-कूद के लिए मैदान
  • सीसीटीवी कैमरे से मॉनीटरिंग
  • 12 फुट से ऊंची बाहरी दीवार, अंदर में 15 फुट से ऊंची दीवार
  • सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी
  • खाने के लिए हर ब्लॉक में मेस और अलग से लाइब्रेरी
  • चिकित्सा सुविधा और इमरजेंसी के लिए ओपीडी
  • एक ब्लॉक में 250 लड़के व 250 लड़कियां रहेंगी