बिहार का वित्तीय प्रबंधन देश में सबसे बेहतर : सुशील मोदी

पटना : डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि देश के प्रमुख उद्योग संगठन सीआइआइ की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार का वित्तीय प्रबंधन देश में सबसे बेहतर है. वित्तीय प्रबंधन की कुशलता के कारण राजकोषीय प्रदर्शन सूचकांक में बिहार प्रथम स्थान पर है. सीआइआइ ने इस रिपोर्ट में राजकोषीय अनुशासन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 7, 2019 8:17 AM
पटना : डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि देश के प्रमुख उद्योग संगठन सीआइआइ की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार का वित्तीय प्रबंधन देश में सबसे बेहतर है.
वित्तीय प्रबंधन की कुशलता के कारण राजकोषीय प्रदर्शन सूचकांक में बिहार प्रथम स्थान पर है. सीआइआइ ने इस रिपोर्ट में राजकोषीय अनुशासन के पैमाने पर राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए 2004-05 से लेकर 2016-17 की अ‌वधि में नॉन स्पेशल कैटेगरी में शामिल 18 राज्यों का राजकोषीय प्रदर्शन सूचकांक तैयार किया है. यह सूचकांक चार मानकों राजस्व और पूंजी व्यय सूचकांक, राज्य के अपने टैक्स की प्राप्तियों का सूचकांक, राजकोषीय और राजस्व घाटे को दर्शाने वाले डेफिसिट प्रूडेंस इंडेक्स और कर्ज सूचकांक के आधार पर तैयार किया गया है.
इसमें मध्य प्रदेश दूसरे और छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान पर है. 100 अंकों वाले इस सूचकांक में बिहार का स्कोर सर्वाधिक 66.50 है. जबकि, पश्चिम बंगाल का सबसे कम 23.30 है. उन्होंने कहा कि राजकोषीय प्रदर्शन सूचकांक में बिहार ने गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे संपन्न राज्यों को जहां पीछे छोड़ दिया है, वहीं सबसे खराब प्रदर्शन पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल का है. व्यय की गुणवत्ता के मामले में आर्थिक रूप से समृद्ध राज्यों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है.
इधर, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में आशा व्यक्त की गयी है कि भारत में एक बार फिर मजबूत सरकार बनने से निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
इससे विकास दर साढ़े सात फीसदी तक पहुंचेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास और रोजगार, दोनों मुद्दों पर तेजी से काम करने के लिए हाइ पावर मंत्रिमंडलीय समिति का गठन कर विश्व बैंक के अनुमान से ज्यादा तेज विकास करने का रोडमैप तैयार कर दिया है. जनता ने उन लोगों को खारिज कर दिया, जो बेरोजगारी बढ़ाने के लिए देश पर कमजोर सरकार थोपने की जोड़-तोड़ में जुटे थे.

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