जून के अंतिम सप्ताह से विधानमंडल का सत्र

पटना : जून के अंतिम सप्ताह में विधानमंडल का सत्र शुरू होगा. यह सत्र कई मायने में खास होगा. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद यह पहला सत्र होगा, जिसमें राज्य का पूर्ण बजट पास कराया जायेगा. सभी विभागों के बजट पर वाद-विवाद होगा और इसे पारित कराया जायेगा. चुनावी वर्ष होने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 27, 2019 3:40 AM

पटना : जून के अंतिम सप्ताह में विधानमंडल का सत्र शुरू होगा. यह सत्र कई मायने में खास होगा. लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद यह पहला सत्र होगा, जिसमें राज्य का पूर्ण बजट पास कराया जायेगा. सभी विभागों के बजट पर वाद-विवाद होगा और इसे पारित कराया जायेगा.

चुनावी वर्ष होने के कारण राज्य सरकार ने फरवरी में अपना दो लाख 500 करोड़ का बजट तो प्रस्तुत किया था, लेकिन सिर्फ चार महीने के खर्च के लिए वोट ऑफ एकाउंट पारित कराया गया था. अब इस बार का पूरा मॉनसून सत्र बजट सत्र के रूप में चलेगा और इसके करीब एक महीने तक चलने की संभावना है. इस सभी विभागों के बजट और योजनाओं पर बहस होगी.
मंत्रिमंडल का हो सकता है विस्तार
विधानमंडल सत्र शुरू होने के पहले मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो सकता है. वर्तमान में राज्य के तीन मंत्री जल संसाधन मंत्री ललन सिंह, पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस और आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव के सांसद बनने के कारण मंत्री के तीन पद खाली हो गये हैं.
वहीं, समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफा देने के बाद से भी यह विभाग अतिरिक्त प्रभार में चल रहा है. इस तरह से राज्य में मंत्री के चार पद खाली हो गये हैं. ऐसे में सत्र शुरू होने के पहले इन विभागों में मंत्रियों के पद को भरने के लिए मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है. इस बात की पूरी संभावना जतायी जा रही है. मंत्री के जो चार पद खाली रिक्त हैं, उसमें तीन पद जदयू कोटा के हैं, तो एक पद लोजपा कोटे के हैं.
विभागों ने तैयारी शुरू कर दी
विधानमंडल का सत्र पहले जून के मध्य से शुरू होने वाला था, लेकिन इसमें थोड़ा संशोधन कर जून के अंत तक किया गया है. हालांकि, कैबिनेट से इस मसले पर अंतिम मुहर लगने के बाद ही तारीख स्पष्ट होगी. राज्य सरकार के सभी विभागों ने इस सत्र को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. अपना-अपना विभागीय प्रतिवेदन से लेकर समुचित बजट प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं.

Next Article

Exit mobile version