स्काइमेट का अनुमान, मॉनसून का बिहार में 20 जून तक होगा आगमन

नयी दिल्ली : देश मेें दक्षिण -पश्चिमी मॉनसून चार जून को केरल के रास्ते दस्तक देगा. मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट ने मंगलवार को यह जानकारी दी. केरल में अमूमन माॅनसून का आगमन 31 मई से एक जून के बीच होता है. स्काईमेट के सीइओ जतिन सिंह ने कहा कि सभी चार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 15, 2019 6:24 AM
नयी दिल्ली : देश मेें दक्षिण -पश्चिमी मॉनसून चार जून को केरल के रास्ते दस्तक देगा. मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट ने मंगलवार को यह जानकारी दी. केरल में अमूमन माॅनसून का आगमन 31 मई से एक जून के बीच होता है. स्काईमेट के सीइओ जतिन सिंह ने कहा कि सभी चार क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश का अनुमान है.
पूर्वी, पूर्वोत्तर व मध्य भारत में कम बारिश की आशंका है, जबकि उत्तर-पश्चिम और दक्षिण भारत में चिंता कम है. माॅनसून का शुरुआती चरण धीमा होगा. 20 जून तक देश के पूर्वी हिस्से में दस्तक देगा. इससे पहले 2018 मॉनसून के लिहाज से सबसे खराब साल रहा था.
पूर्वी भारत में कम बारिश की आशंका
91% बारिश का अनुमान
स्काईमेट के मुताबिक इस साल मॉनसून सामान्य से कम रहेगा. यानी 91% बारिश होगी. कम बारिश की 50 % आशंका है, जबकि सूखे की 20% है. मालूम हो कि मौसम विभाग 96 % से 104 % के बीच हुई बारिश को औसत या सामान्य माॅनसून मानता है.
जून में सटीक जानकारी
भारतीय मौसम विभाग अप्रैल में अपने पहले अनुमान में कहा था कि माॅनसून सामान्य रहेगा. उसका मानना है कि दक्षिण-पश्चिम माॅनसून लंबी अवधि के औसत का 96 फीसदी रहेगा. वैसे विभाग का दूसरा अनुमान जून के पहले हफ्ते में आयेगा, जो हकीकत के काफी नजदीक होगा.
अनुमान और हकीकत
वर्ष मौसम स्काइमेट वास्तविक
विभाग
2016 106% 105%91%
2017 98% 95%95%
2018 97% 100%91%
बेहतर मॅानसून जरूरी क्यों
कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होती है, महंगाई नियंत्रित रहती है
50 % जमीन पर सिंचाई सुविधा नहीं है, माॅनसून ही आस
65 करोड़ की आबादी कृषि से संबंधित रोजगार पर निर्भर
26 करोड़ किसान धान,
गन्ना, मक्के की बुआई के लिए निर्भर

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