पारिवारिक राजनीतिक विरासत से संसद तक पहुंचने की कोशिश
पटना : लोकसभा चुनाव में मान्यता प्राप्त दलों ने 10 महिला प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है. ये प्रत्याशी किसी न किसी रूप से पारिवारिक वसीयत को आगे बढ़ाते हुए संसद तक पहुंचने में जुटी हैं. इसमें चार महिला प्रत्याशी ऐसी हैं, जो पहली बार लोकसभा चुनाव में उतरी हैं.... इनके पीछे उनके पतियों […]
पटना : लोकसभा चुनाव में मान्यता प्राप्त दलों ने 10 महिला प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है. ये प्रत्याशी किसी न किसी रूप से पारिवारिक वसीयत को आगे बढ़ाते हुए संसद तक पहुंचने में जुटी हैं. इसमें चार महिला प्रत्याशी ऐसी हैं, जो पहली बार लोकसभा चुनाव में उतरी हैं.
इनके पीछे उनके पतियों की राजनीतिक समीकरण महत्वपूर्ण है. पहली बार लोकसभा चुनाव में उतरी नवादा से राजद की उम्मीदवार विभा देवी, कांग्रेस की मुंगेर सीट से नीलम देवी, वैशाली से जदयू की वीणा देवी और सीवान से जदयू विधायक कविता सिंह शामिल हैं.
मीरा कुमार, रंजीत रंजन, मीसा भारती और हिना सहाब, पुतुल सिंह इसके पहले या तो सांसद रह चुकी हैं अथवा लोकसभा की प्रत्याशी रह चुकी हैं. वहीं, भाकपा-माले ने जहानाबाद से कुंती देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
मीरा कुमार के पास बाबू जगजीवन राम की राजनीतिक विरासत है. सासाराम क्षेत्र में उनका प्रभाव है. वह 15वीं लोकसभा की लोकसभा अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. उनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव है. इसी तरह से रंजीत रंजन कांग्रेस की सदस्य हैं. वह दो बार सांसद रह चुकी हैं.
कोसी क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की वह पत्नी हैं. रंजीत रंजन अच्छी वक्ता भी हैं. संसद में इनके द्वारा तीन तलाक, एफडीआइ और मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का मुद्दा संजदगी से उठाया गया था.
सांसद रमा देवी शिवहर से दूसरी बार लोकसभा चुनाव मैदान में उतरी हैं. उनके पति स्व बृजबिहारी प्रसाद बिहार सरकार के पूर्व मंत्री थे. उनके निधन के बाद रामा देवी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो गयीं. मोतिहारी के साथ शिवहर क्षेत्र में वैश्यों के बीच उनका प्रभाव है.
पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से राजद की प्रत्याशी मीसा भारती राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की पुत्री हैं. वर्तमान में वह राज्यसभा की सदस्य हैं. पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से वह 2014 में प्रत्याशी रही थीं. उनको उस समय भाजपा के प्रत्याशी रामकृपाल यादव से पराजय का सामना करना पड़ा था.
पेश से वह डाॅक्टर हैं. लालू प्रसाद की पाटलिपुत्र सीट की विरासत उनको मिली है. इस बार फिर उनका मुकाबला भाजपा के रामकृपाल यादव से होगा. सीवान से राजद की प्रत्याशी हिना सहाब दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं.
पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं. 2014 में सीवान लोकसभा क्षेत्र से उनका मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी ओम प्रकाश यादव से हुआ था. उसमें उनको पराजय का समाना करना पड़ा था.
इस बार उनका मुकाबला जदयू की प्रत्याशी कविता सिंह से है. कविता सिंह पूर्व विधायक स्व जगमातो देवी की बहू और अजय सिंह की पत्नी हैं. अजय सिंह की सीवान क्षेत्र में एक दबंग की छवि है. मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी नीलम देवी हैं.
वह विधायक अनंत सिंह की पत्नी हैं. नीलम देवी, अनंत सिंह के राजनीतिक क्षेत्र का विस्तार करने के लिए मुंगेर लोकसभा क्षेत्र प्रत्याशी बनायी गयी हैं. इनका मुकाबला जदयू के ललन सिंह के साथ है. वैशाली लोकसभा क्षेत्र से लोजपा की प्रत्याशी वीणा देवी हैं.
वह विधान पार्षद दिनेश सिंह की पत्नी हैं. यह गायघाट से भाजपा की पूर्व विधायक थीं. यह जिला परिषद अध्यक्ष मुजफ्फरपुर भी रह चुकी हैं. नवादा से राजद की प्रत्याशी विभा देवी हैं. इनके पति राजवल्लभ यादव सजायाफ्ता हैं. उनके जेल में रहने के कारण विरासत में उनको नवादा की सीट राजद ने दी है.
पिछले लोकसभा चुनाव में इनके पति राजवल्लभ यादव नवादा से राजद के प्रत्याशी थे. स्व दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल सिंह बांका संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी हैं. बिहार के समाजवादी नेता दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुलसिंह खिलाड़ी श्रेयसी सिंह की मां हैं. उनके पति स्व दिग्विजय सिंह यहां से सांसद रह चुके हैं. खुद पुतुल देवी भी बांका का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
