सुशील मोदी ने ईको पार्क में शुरू की मुफ्त वाई-फाई सेवा, कहा- जून तक बिहार की सभी पंचायतों में ब्रॉड बैंड इंटरनेट की सुविधा

पटना : पटना की राजधानी वाटिका (ईको पार्क) में 100 एमबीपीएस स्पीड की मुफ्त वाई-फाई सेवा का लोकार्पण करने के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस साल जून तक बिहार और केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर बिछा कर ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 8, 2019 7:07 PM

पटना : पटना की राजधानी वाटिका (ईको पार्क) में 100 एमबीपीएस स्पीड की मुफ्त वाई-फाई सेवा का लोकार्पण करने के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस साल जून तक बिहार और केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर बिछा कर ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी. इससे गांव, शहर और संपन्न लोगों के बीच का फर्क मिट जायेगा. एक माह के अंदर 2000 ग्राम पंचायतों के कॉमन सर्विस सेंटर को ब्रॉडबैंड के जरिये इंटरनेट उपलब्ध करायी जायेगी, जहां से गांव के लोगों को राज्य और केंद्र सरकार की सभी सेवाओं का लाभ मिलेगा. अगले चरण में पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में मुफ्त वाई-फाई सेवा उपलब्ध करायी जायेगी, जहां प्रतिवर्ष 22 लाख से ज्यादा लोग भ्रमण करते हैं.

मोदी ने कहा कि भारत सरकार की भारत नेट योजना के पहले चरण में राज्य के 6105 ग्राम पंचायतों और 354 प्रखंड मुख्यालयों में ऑप्टिकल फाइबर को बिछाया जा चुका है. दूसरे चरण में 700 करोड़ की लागत से 2692 ग्राम पंचायतों और 180 प्रखंड मुख्यालयों ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम प्रारंभ हो गया है, जिसे जून तक पूरा होने की उम्मीद है. भारत सरकार की मदद से हर पंचायत में पांच हॉट स्पॉट स्थापित किये जायेंगे, जिनमें तीन संस्थाओं और सरकारी भवनों पर होगा. पंचायत के लोग अपने डिवाइस को रिचार्ज करके हाईस्पीड वाई-फाई की सेवा ले सकेंगे.

राज्य की 1200 ग्राम पंचायतों के सीएससी को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जा चुका है. अगले एक महीने में 800 और पंचायतों के सीएससी को इंटरनेट से जोड़ दिया जायेगा. सीएससी संचालकों को प्रतिमाह 500 रुपये बिजली के अलावा ऑप्टिकल फाइबर मशीन की देखरेख के लिए तीन हजार रुपये दिये जा रहे हैं. 250 करोड़ की लागत से करीब 300 चुनिंदा स्कूल, कॉलेज और तकनीकी संस्थानों को मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. इसके व्यपाक प्रचार-प्रसार की जरूरत है, ताकि अधिक से अधिक स्टूडेंट इस सेवा का उपयोग कर सके.

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