BiharBudget2019 : सुशील मोदी का ट्वीट, कहा- …क्या इसलिए बजट खोखला है?

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 2,00,501.01 करोड़ रुपये का बजट पेश किया.सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में इस बजट को पेश किया. बजट पर विपक्षी दलों की ओर से आयी प्रतिक्रियाओं पर सुशील […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 12, 2019 10:39 PM

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 2,00,501.01 करोड़ रुपये का बजट पेश किया.सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में इस बजट को पेश किया. बजट पर विपक्षी दलों की ओर से आयी प्रतिक्रियाओं पर सुशील मोदी ने ट्वीट कियाऔर विपक्षी दल राजद समेत कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है.

सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है, बिहार की एनडीए सरकार ने इतना शानदार वित्तीय प्रबंधन किया कि 2017-18 में विकास दर 2 फीसद बढ़ी. देश के कई राज्य हमारी अर्थव्यवस्था को फॉलो कर रहे हैं. गैरसरकारी रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में भी हमारी विकास दर 9.9 से बढ़कर 11.9 होने की उपलब्धि की सराहना की गयी. इसका स्वागत करने के बजाय ईर्ष्यालु, भ्रष्टाचार समर्थक और अविश्वसनीय पार्टियां बजट का विरोध कर रही हैं. इसे खोखला बताने वालों की आर्थिक समझ खोखली है, लेकिन उनका दिवालियापन दूर करने के लिए सरकार कुछ नहीं कर सकती.

अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, एनडीए सरकार में बिहार का राजकोषीय घाटा लगातार तीन फीसदी से कम रहा. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक विकास पर हमारा व्यय पर बेहतर रहा. सरकारकी शराबबंदीनीतिने गरीबोंकी किस्मत बदल दी. इस साल आर्थिक और सामाजिकसुधार के लिए उसी बिहार को 11 अलग-अलग पुरस्कार मिले, जिसे 15 साल के लालू-राबड़ी राज में बीमारू और पिछड़ा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गयी थी. बिहार का यह बढ़ता सम्मान उन लोगों को अच्छा कैसे लगेगा, जो रोज चुनिंदा घटनाओं पर छाती पीट कर राज्य को बदनाम करने में लगे हैं?

सुशील मोदी ने आगे लिखा है, 2004-05 के बजट से आठ गुणा ज्यादा धनराशि के इस बजट में पूंजीगत व्यय पर 45 हजार 270 हजार करोड़ खर्च होंगे. वेतन पेंशन पर भी सरकारका ध्यान है, जिसमें संविदाकर्मी भी शामिल हैं. बिहार की खुदरा महंगाई दर2.7पर नियंत्रित है. विरोधियों से महंगाई का मुद्दा छिन गया और जनता को सामान वाजिब दाम पर मिल रहे हैं. क्या इसी लिए बजट खोखला है?

अपने एक अन्य ट्वीट में डिप्टी सीएम ने लिखा है, वित्तीय साल 2019-20 में 24 हजार420 करोड़ रुपए का ऋण देनेका प्रावधान किया गया है. केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है. 34हजार798करोड़ रुपये शिक्षा पर,लगभग18हजार करोड़ रुपये सड़कों पर और ग्रामीण विकास पर 15हजार669करोड़ खर्च किये जायेंगे. राज्य के सभी गांवों में समय से पहले बिजली पहुंच गयी है. बिहार लालटेन युग से मुक्ति का जश्न मनाने वाला देश का आठवां राज्य बन गया है. लालटेन युग के लोगों को यह अच्छा कैसे लगेगा?

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