पटना : प्लास्टिक बैग छोड़ो, पेपर व कपड़े की थैली लो

थैली की सिलाई महज पांच से दस रुपये में आपके मोहल्ले के चौक चौराहे पर होती है. यदि विश्वास नहीं हो रहा है तो आप कपड़ा लेकर सिलाई की दुकान पर जाइए. वहां कपड़ा लेकर जाने के बाद आप सभी साइज में थैली या थैले की सिलाई करा सकते हैं. यदि आपके पास कपड़ा है […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 14, 2018 8:29 AM
थैली की सिलाई महज पांच से दस रुपये में आपके मोहल्ले के चौक चौराहे पर होती है. यदि विश्वास नहीं हो रहा है तो आप कपड़ा लेकर सिलाई की दुकान पर जाइए.
वहां कपड़ा लेकर जाने के बाद आप सभी साइज में थैली या थैले की सिलाई करा सकते हैं. यदि आपके पास कपड़ा है तो आप बिहार चैंबर के कौशल विकास केंद्र से भी थैला सिलवा सकते हैं. कपड़ा ले जाने के बाद छोटा और मंझला थैला पांच से सात रुपये में और बड़ा थैला 10 रुपये में सिला जाता है. यदि मोटा कपड़ा खरीद कर कोई 12 ईंच का थैला बनाया जाये तो 50 रुपया लागत आती है.
पांच रुपये से पेपर बैग की कीमत शुरू होती है
आप रोजमर्रा के हल्के समान के लिए पेपर बैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. पेपर बैग की कीमत पांच रुपये से लेकर 50 रुपये तक है. वहीं यदि आप जूट के बैग की ओर गये जो बायोडिग्रेडेबल हैं तो इसके लिए आपको थोड़े ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे.
…गौरैया क्रिएशंस की मोनिका प्रसाद बताती हैं कि 65 रुपये में आपको सौ
फीसदी कॉटन कैनवास का झोला मिल जायेगा. वहीं फ्रिज बैग 150 रुपये में छह पीस आती है. मल्टी पॉकेट बैग के लिए 250 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. ये सभी थैले लांग लास्टिंग हैं.
क्या है बायो कंपोस्टेबल बैग?
आलू व मकई के स्टार्च से निर्मित कंपोस्टेबल बैग प्लास्टिक की श्रेणी में नहीं आते हैं और ये आसानी से डिस्पोज होते हैं. पर्यावरण प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए यह बैग कारगर है. देश के कई राज्य इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.
इसका प्रयोग खाना, सब्जी, भाजी के साथ ही दवाई, बायो मेडिकल वेस्ट के लिए होता है. मकई और आलू के स्टार्च से निर्मित यह बैग प्लास्टिक बैग की तुलना में शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं और ईको फ्रेंडली भी हैं. राज्य की जनता इन बैग का प्रयोग करके पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक पहल करे. आज देश की कई कंपनियां इस बैग को ऑनलाइन भी उपलब्ध कराती है. इसके लिए आप थोड़ा सा गूगल करेंगे तो सारी तस्वीर सामने आ जायेगी.
थैला सिलवाने में ज्यादा पैसे नहीं खर्च होते हैं. आपको केवल सोचना है और दस रुपये में बड़ा थैला आपको सिलकर दे दी जायेगी. कपड़े की भी चिंता नहीं करनी है. पुराने कपड़े से झोला बनवा सकते हैं.
गीता जैन, संस्थापिका, आधार महिला स्वावलंबी सहकारी समिति
हमें पॉलीथिन को खत्म करने के लिए कपड़े की शरण में जाना ही होगा. इसके लिए कम से कम कीमत में झोला भी बनवाया जा सकता है और इसके साथ ही स्टाइलिश झोला लेना हो तो थोड़े पैसे खर्च करने पड़ेंगे. मल्टी पर्पस बैग बनवा सकते हैं.
मोनिका प्रसाद, प्रोपराइटर, गौरैया क्रिएशंस

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