उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार सरकार पर लगाये गंभीर आरोप, कहा- मांगें मान ले सरकार, तो भूल जाउंगा मान-अपमान, देखें वीडियो

पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि बिहार में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए राज्य सरकार ने अपनी औपचारिकता नहीं पूरी की, इसलिए केंद्रीय विद्यालय नहीं खोला जा सका. साथ हीउन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा में सुधार को लेकर मैंने 25 सूत्री मांगें रखी हैं, अगर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 3, 2018 1:33 PM

पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि बिहार में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए राज्य सरकार ने अपनी औपचारिकता नहीं पूरी की, इसलिए केंद्रीय विद्यालय नहीं खोला जा सका. साथ हीउन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा में सुधार को लेकर मैंने 25 सूत्री मांगें रखी हैं, अगर मुख्यमंत्री द्वारा मेरी मांगों को मान लिया जाता है, तो हम जनहित में सभी मान-अपमान को भूल जायेंगे. उन्होंने खुली चुनौती दी कि सार्वजनिक रूप से बहस कराने की चुनौती देते हुए कहा कि अगर मेरे मंत्रालय ने काम नहीं किया है, तो मैं सीट शेयरिंग की बात तो छोड़, राजनीति से संन्यास ले लूंगा.

जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित संवादादाता सम्मेलन में बिहार सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में केंद्रीय विद्यालय खोलने के प्रति राज्य सरकार ने कोई रूचि नहीं दिखायी. डॉ राजेंद्र प्रसाद को याद करते हुए उन्होंने सबसे पहले श्रद्धा सुमन अर्पित किया. उसके बाद उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तीन माह का अभियान चलाया. बिहार के गरीब बच्चों के भविष्य के लिए हम अपमान को भी भूल सकते हैं. उन्होंने बिहार सरकार को आठ दिसंबर तक का समय देते हुए कहा कि अगर मेरी मांगों को मान लिया जाता है, तो जनहित में सभी मान-अपमान को भूल जायेंगे.

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने केंद्रीय विद्यालय खोलने में ना तो रूचि दिखायी और ना ही कोई औपचारिकता पूरी की. शिक्षा में सुधार को लेकर मैंने संकल्प लिया था कि सुधार करूंगा, लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता के कारण केंद्रीय विद्यालय नहीं खोले जा सके. बिहार सरकार की ओर से मात्र दो केंद्रीय विद्यालय खोलने के प्रस्ताव मंत्रालय को मिले हैं. औरंगाबाद में राज्य सरकार की ओर से जमीन भी नहीं दी गयी. राज्य सरकार ने अपनी औपचारिकता नहीं पूरी की. अगर राज्य की सरकार की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं, तो और भी केंद्रीय विद्यालय खोले जायेंगे. मैंने राज्यपाल से भी अपील कर चुका हूं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आठ को औरंगाबाद में और नौ को नवादा में उपवास पर बैठूंगा. अगर राज्य सरकार की ओर से इससे पहले मांगों को मान लिया जाता है, तो जनहित में सभी मान-अपमान को भूल जायेंगे.

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने मंत्रालय के समक्ष शर्त रखी है कि बिहार में खुलनेवाले केंद्रीय विद्यालयों में 75 फीसदी बिहार के छात्रों का नामांकन हो. ऐसी शर्त मानने से बिहार को कितना फायदा होगा? यह देखना लाजिमी होगा. दूसरे राज्यों में भी ऐसी मांगों को लेकर आवाज उठने लगेंगी, जहां बिहार के बच्चे सबसे ज्यादा पढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की ओर से अगर प्रस्ताव मिलता है, तो सभी जगह केंद्रीय विद्यालय खोले जायेंगे. राज्य सरकार ने रूचि नहीं दिखाते हुए अड़ंगा लगाया है. औरंगाबाद, नवादा में केंद्रीय विद्यालय खोलने की स्वीकृति मैंने दिलायी. जितने प्रस्ताव मेरे मंत्रालय को मिले हैं, उन्हें अंतिम स्वीकृति दी जा चुकी है. कई महीनों से वहां पढ़ाई भी हो रही है. कुछ औपचारिकताएं राज्य सरकार को पूरी करनी हैं, जिसे पूरा नहीं किये जाने के कारण पढ़ाई शुरू नहीं हो पायी है.

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