बिहार में बाढ़ से सुरक्षा के लिए तैनात होंगे गोताखोर

होमगार्ड के साथ ही गोताखोरी में प्रशिक्षित आमजनों को भी दिया जायेगा अवसर... पटना : प्रदेश में इस साल संभावित बाढ़ से सुरक्षा के लिए एक जुलाई से 30 सितंबर तक जिलों में गोताखोरों की तैनाती की जायेगी. इसके लिए होमगार्ड के साथ ही गोताखोरी में प्रशिक्षित आमजनों को भी अवसर दिया जायेगा. राज्य में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2018 7:11 AM

होमगार्ड के साथ ही गोताखोरी में प्रशिक्षित आमजनों को भी दिया जायेगा अवसर

पटना : प्रदेश में इस साल संभावित बाढ़ से सुरक्षा के लिए एक जुलाई से 30 सितंबर तक जिलों में गोताखोरों की तैनाती की जायेगी. इसके लिए होमगार्ड के साथ ही गोताखोरी में प्रशिक्षित आमजनों को भी अवसर दिया जायेगा. राज्य में ऐसे प्रशिक्षित गोताखोरों की संख्या करीब दो हजार से अधिक है. आपदा प्रबंधन विभाग ने इस बाबत 35 जिले के डीएम को निर्देश जारी कर दिया है.

आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बिहार में बाढ़ प्रभावित 28 जिले हैं. इनमें 15 जिले अधिक संवेदनशील हैं, वहीं बाढ़ से प्रभावित होने वाले सामान्य जिलों की संख्या 13 है. हालांकि, फ्लैश फ्लड जैसी स्थिति से विभिन्न नदियों में अचानक पानी बढ़ने से कुछ और भी जिले बाढ़ से प्रभावित हो जाते हैं. इस कारण विभाग ने 35 जिलों के डीएम को बाढ़ पूर्व तैयारी का निर्देश दिया है.

गोताखोरों को मिलेगा पारिश्रमिक : बाढ़ से बचाव के लिए गोताखोरों के रूप में होमगार्ड के प्रशिक्षित जवान तैनात किये जायेंगे. इन सभी को उनके लिए तय मानदेय के अनुसार भुगतान किया जायेगा. वहीं, गोताखोर के रूप में तैनात होने वाले सामान्य लोगों को श्रम संसाधन विभाग की ओर से निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दर के अनुसार भुगतान किया जायेगा.

तैनात रहेंगे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान

संभावित बाढ़ से लोगों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की नौ और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की आठ बटालियन के जवानों को भी तैनात किया गया है. ये सभी स्थानीय लोगों को बाढ़ और अन्य आपदा से बचाव के लिए प्रशिक्षित भी करेंगे. इसमें बाढ़ से पहले की तैयारी, बचाव, सर्पदंश और भूकम्प के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का प्रचार-प्रसार शामिल हैं.

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव एम रामचन्द्रुडु ने कहा कि इस बार बाढ़ से बचाव के लिए विशेष तौर पर गोताखोरों की तैनाती की जायेगी. इसके लिए सभी जिलों के डीएम को निर्देश भेज दिया गया है. वे अपनी आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित गोताखोरों का चयन कर उनकी तैनाती संवेदनशील स्थानों पर करेंगे. इसका मकसद लोगों की सुरक्षा करना है.