बिहार में पहली बार ”ईस्ट इंडिया क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव” का आयोजन, CM ने जलवायु परिवर्तन पर जतायी चिंता

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेआज कहा कि पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ और ग्लोबल वार्मिंग में पूर्वी भारत का बहुत कम योगदान है. बिहार इसमें सबसे पीछे है. इसके बावजूद हमलोग भी जलवायु परिवर्तन की सजा भुगत रहे हैं. अब अगलगी का समय बदल गया है. आजकल वज्रपात की संख्या बढ़ गयी है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2018 10:23 PM

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेआज कहा कि पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ और ग्लोबल वार्मिंग में पूर्वी भारत का बहुत कम योगदान है. बिहार इसमें सबसे पीछे है. इसके बावजूद हमलोग भी जलवायु परिवर्तन की सजा भुगत रहे हैं. अब अगलगी का समय बदल गया है. आजकल वज्रपात की संख्या बढ़ गयी है. बिहार हर साल बाढ़ और सुखाड़ झेलता है. मॉनसून में बारिश की कुल मात्रा और अवधि घट गयी है. कम समय में अधिक बारिश से फ्लैश फ्लड की स्थिति पैदा हो रही है.

मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार रविवार को ज्ञान भवन में आयोजित ईस्ट इंडिया क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव-2018 का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे. इस कॉन्क्लेव का आयोजन राज्य में पहली बार किया गया. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जलवायु परिवर्तन का असर दिख रहा है. स्कूल में पढ़ते थे कि राज्य में हर साल 1200 से 1500 मिमी बारिश होती थी और 15 जून से माॅनसून आ जाता था. मौसम विज्ञान विभाग ने हाल ही में वर्ष 1980 से 2010 तक के आंकड़ों के आधार पर बताया कि इस साल 1027 मिमी बारिश होगी. वहीं वर्ष 2006 से 2017 के दौरान 912 मिमी बारिश हुई. इस 12 साल में केवल तीन साल 1000 मिमी बारिश हुई. वर्ष 2017 में केवल दो-तीन दिनों में 200 से 400 मिमी बारिश हुई. इससे राज्य के लोगों को फ्लैश फ्लड का सामना करना पड़ा.

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