बिहार : अवैध संपत्ति मामला, चार वर्षों में इन 10 आईएएस-आईपीएस पर हुई कार्रवाई

निगरानी, एसवीयू और सीबीआई ने अलग-अलग अधिकारियों पर की कार्रवाई पटना : राज्य सरकार की तरफ से भ्रष्टाचार के मामले में की जा रही सख्त कार्रवाई की जद में आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी आ रहे हैं. इसी क्रम में एसवीयू (विशेष निगरानी इकाई) ने आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में सबसे हालिया कार्रवाई […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2018 7:54 AM
निगरानी, एसवीयू और सीबीआई ने अलग-अलग अधिकारियों पर की कार्रवाई
पटना : राज्य सरकार की तरफ से भ्रष्टाचार के मामले में की जा रही सख्त कार्रवाई की जद में आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी आ रहे हैं. इसी क्रम में एसवीयू (विशेष निगरानी इकाई) ने आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में सबसे हालिया कार्रवाई मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार पर किया है.
पिछले चार साल में सूबे के करीब 10 आईएएस व आईपीएस पर अवैध कमाई के आरोप में कार्रवाई हो चुकी है. इसमें एकाध अधिकारी पर दूसरे कारणों से कार्रवाई हुई है. परंतु अन्य अधिकारी किसी-न-किसी कारण से निलंबित तो नहीं किये गये हैं, लेकिन जांच चलने के कारण उन्हें सचिवालय में पोस्टिंग कर दी गयी है या वेटिंग फॉर पोस्टिंग पर रखा गया है.
इन अधिकारियों पर चल रही कार्रवाई
राज्य के बहुचर्चित पेपर लीक घोटाला मामले के मुख्य आरोपित व एसएससी के अध्यक्ष आईएएस सुधीर कुमार पर प्रशासन का शिकंजा सबसे ज्यादा कसा हुआ है. वह निलंबित होने के साथ ही जेल में सजा भी काट रहे हैं. इसी मामले में एक अन्य आरोपित आईएएस अधिकारी सीके अनिल काफी लंबे समय तक फरार चल रहे थे. उन्होंने योजना पर्षद में परामर्शी के पद पर योगदान भी दिया है, लेकिन इसके बाद से वह बहुत कम ही आते हैं और जांच में भी उपस्थित नहीं होते हैं.
राज्य में एससी-एसटी घोटाला उजागर होने के बाद इसके मुख्य अभियुक्त विभागीय प्रधान सचिव एसएम राजू लगातार फरार ही चल रहे हैं. इनके अलावा भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में पटना नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त के. सेंथिल कुमार की करोड़ों की अवैध संपत्ति भी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने हाल ही में जब्त किया है. बीच में वह निलंबित भी हुए थे, लेकिन फिर वह वापस बहाल हो गये और वर्तमान में वह शिक्षा विभाग में तैनात हैं.
हालांकि उन पर विभागीय कार्रवाई अभी तक चल ही रही है. मोहनियां के तत्कालीन एसडीओ जितेंद्र गुप्ता को राज्य की निगरानी टीम ने रिश्वत लेने के मामले में रंगे हाथ गिरफ्तार किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से वह बाइज्जत बरी हो गये. इसके बाद वे अपनी सेवा ही वापस केंद्रीय कार्मिक विभाग में करवाते हुए हमेशा के लिए बिहार से चले गये. निगरानी को इसमें काफी फजीहत उठानी पड़ी थी.
मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसएसपी विवेक कुमार के पहले एसवीयू ने सारण के तत्कालीन डीएम दीपक आनंद पर भी डीए केस में कार्रवाई की थी. उन्हें भी एसएसपी की तरह तुरंत निलंबित कर दिया गया. एक अन्य आईपीएस अमिताभ दास भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में पकड़े जाने पर निलंबित हो चुके हैं. औरंगाबाद के तत्कालीन डीएम कंवल तनुज पर सीबीआई ने एनटीपीसी के टेंडर घोटाला मामले में रिश्वतखोरी का मामला दर्ज कर कार्रवाई की थी. सरकार ने उन्हें पद से हटाते हुए संयुक्त सचिव के पद पर तैनात कर दिया है.

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