‘विष योग’ के कालचक्र में फंस गया है लालू का जीवन, परिणाम कुछ ऐसा होगा, जानें

पटना : चारा घोटाला और बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया लालू यादव का रिश्ता ढाई दशक से ज्यादा का है. चारा घोटाले में दोषी पाये जाने के बाद लालू यादव रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं. लालू के जेल जाने के बाद बहुत तरह की चर्चाएं सियासी हलकों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2018 1:36 PM

पटना : चारा घोटाला और बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया लालू यादव का रिश्ता ढाई दशक से ज्यादा का है. चारा घोटाले में दोषी पाये जाने के बाद लालू यादव रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं. लालू के जेल जाने के बाद बहुत तरह की चर्चाएं सियासी हलकों में चल रही हैं. इसी क्रम में लालू के जन्म और उनके कुंडली को लेकर ज्योतिष चर्चा भी शुरू हो गयी है. बिहार-झारखंड के जाने-माने ज्योतिष विद्वान डॉ. श्रीपति त्रिपाठी लालू के कुंडली का अध्ययन करने के बाद बहुत सारी बातों का खुलासा किया है. अपने सटीक भविष्यवाणी के लिए मशहूर श्रीपति त्रिपाठी ने लालू के दोषी करार दिये जाने से दो दिन पहले अपना मत दे दिया था, जो सौ फीसदी सत्य हुआ.

लालू भी दैवीय शक्ति को मानते हैं, यहां तक की उन्होंने भगवान भोले का सपना देखने के बाद मांस और मदिरा भी छोड़ दिया था. वह कई बार मीडिया को बता चुके हैं कि उन्होंने जब से भोले बाबा का कहना माना उनके सारे कष्ट दूर हो गये. हाल के दिनों ने उन्होंने दोबारा मांसाहार शुरू किया था, लेकिन फिर छोड़ दिया. डॉ. श्रीपति त्रिपाठी उनके जेल जाने के बाद किये गये अपने अध्ययन में बताते हैं कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमों लालू यादव का जन्म 11 जून, 1947 है. यदि इनका जन्म समय दिन का मध्यकाल मान लिया जाये, और यदि उनका यह जन्म विवरण सत्य है, तो मुसीबत में पड़े बिहार के इस कद्दावर नेता कि जन्म कुंडली कुछ इस मोड़ से गुजर रही है.

लालू यादव कि राशि कुंभ और लग्न सिंह है. इनका स्वग्रही भाग्येश मंगल जहां, इन्हें भाग्य का बलि बना रहा है वहीं, कर्म में राहु कि उपस्थिति इन्हें राजनीति का बड़ा खिलाडी बना रही है. दसवें भाव में सूर्य कि उपस्थिति जहां इन्हें कुल दीपक योग प्रदान करके इन्हें, अपनें कुल का सिरमौर बना रही है, वही साथ में शुक्र कि मौजूदगी एक उत्तम योग निर्मित कर रही है. लेकिन छठें भाव का मालिक शनि की व्यय भाव में उपस्थिति शनि की स्थित है, बारहवें भाव के स्वामी सातवें स्थान में और सातवें भाव के स्वामी बारहवें स्थान में बैठे हैं शनि चंद्रमा का राशि परिवर्तन के प्रकार की परेशानियों को देने वाला होता है.

वहआगे खुलासाकरतेहुए कहतेहैं कि दोनों की के संबंध होने के कारण विष योग का सृजन होता है. ध्यान देने योग्य बात है की शनिवार लालू प्रसाद जी के लिए थोड़ा भारी दिन पड़ रहा है शनिवार के दिन है यह दोषी करार दिये जाते हैं और शनिवार के दिन हैं सजा मुकर्रर की जाती है. वर्तमान में जन्म पत्रिका के अनुसार शनि सप्तमेश होने के कारण राशि परिवर्तन के कारण और गोचर में धनु राशि में होने के कारण शनि की दृष्टि 7 वें स्थान पर पड़ने के कारण समय तो है प्रतिकूलता वाला बना हुआ है.

लालू के जीवन में कई बार इस तरह के कालचक्र परेशान करने वाले आये, लेकिन इस बार के विष योग की वजह से उन्हें शनि की कोप दृष्टि का सामना करना पड़ रहा है. लालू से बाकी ग्रह खुश हैं, लेकिन शनि अपनी चाल से बाज नहीं आ रहा है. हालांकि ग्रहों की चाल से निकलने के बाद लालू की स्थिति क्या होगी. इसके बारे में बात करते हुए डॉ. श्रीपति कहते हैं कि आने वाले समय में यह सशक्त होकर बाहर आयेंगे और इन्हें जोशी दृष्टिकोण से भी जोशी दृष्टिकोण से भी इन्हें कम आंकना बड़ी भूल होगी सिंह लग्न में पैदा होने वाले जातक का सुदृढ़,दृढ़ निश्चय एवं प्रसिद्ध होते हैं.

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