शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता बचेगी या जायेगी, फैसला 30 अक्टूबर को

नयी दिल्ली : जदयू के असंतुष्ट नेता शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता को समाप्त करने के बारे में उनकी पार्टी द्वारा दी गयी याचिका पर उनका पक्ष जानने के लिए राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें 30 अक्तूबर को बुलाया है. राज्यसभा में जदयू के नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने एक याचिका में शरद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2017 11:38 AM

नयी दिल्ली : जदयू के असंतुष्ट नेता शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता को समाप्त करने के बारे में उनकी पार्टी द्वारा दी गयी याचिका पर उनका पक्ष जानने के लिए राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें 30 अक्तूबर को बुलाया है. राज्यसभा में जदयू के नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने एक याचिका में शरद एवं पार्टी के एक अन्य राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलग्न होने का दावा करते हुए उन्हें राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया था.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शरद को 18 अक्तूबर को एक पत्र जारी कर उनसे कहा गया है कि इस याचिका के संदर्भ में उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें एक अवसर दिया जा रहा है. उनसे कहा गया है कि वह 30 अक्तूबर को सुबह साढ़े नौ बजे सभापति नायडू के कक्ष में उनके समक्ष अपना पक्ष पेश करें. जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राजद एवं कांग्रेस के साथ महागठबंधन से तोड़कर भाजपा से हाथ मिला लिया था. शरद एवं उन्हीं की पार्टी के राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी ने पार्टी के इस फैसले से असहमति जतायी थी.

शरद को पहले उच्च सदन में पार्टी नेता के पद से हटाया गया था. उन्होंने लालू प्रसाद नीत राजद की पटना रैली में भाग लिया, जिसके बाद जदयू ने उन्हें अयोग्य घोषित करने की याचिका दी. वास्तविक जदयू होने का दावा करते हुए उनके गुट ने चुनाव आयोग से संपर्क कर पार्टी का चुनाव चिह्न मांगा. उन्होंने दावा किया कि वास्तविक जदयू उनके साथ है तथा नीतीश के साथ जो है वह सरकारी जदयू है.

Next Article

Exit mobile version