नीतीश कुमार की नयी सरकार के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई हाइकोर्ट ने सोमवार तक टाल दी

पटना : राज्यपाल द्वारा नीतीश कुमार को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किये जाने के खिलाफ राजद विधायक व अन्य की ओर से दायर याचिका को पटना हाइकोर्ट ने शुक्रवार को मंजूर कर लिया. हालांकि, हाइकोर्ट ने नीतीश कुमार की नयी सरकार के गठन को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवायी सोमवार तक के लिए स्थगित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 28, 2017 11:15 AM

पटना : राज्यपाल द्वारा नीतीश कुमार को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किये जाने के खिलाफ राजद विधायक व अन्य की ओर से दायर याचिका को पटना हाइकोर्ट ने शुक्रवार को मंजूर कर लिया. हालांकि, हाइकोर्ट ने नीतीश कुमार की नयी सरकार के गठन को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवायी सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी है. मालूम हो कि जदयू ने भाजपा से गठबंधन कर 131 विधायकों की सूची बिहार के प्रभारी राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को पिछले दिनों सौंपी थी. उसके बाद राज्यपाल ने नीतीश कुमार को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर दिया था.

हाइकोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल

सूबे में भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार गठन के निर्णय को चुनौती देते हुए पटना हाइकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गयी हैं. पहली याचिका जितेंद्र कुमार एवं दूसरी याचिका राजद विधायक सरोज यादव व चंदन कुमार वर्मा ने दायर की है. याचिका में बताया गया है कि महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार को जो जनादेश मिला था, वह भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध मिला था और वह भी पांच वर्षों के लिए. चूंकि विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ा दल है, ऐसे में बिहार के राजनीतिक हालात के मद्देनजर नियमानुसार राजद को सरकार बनने के लिए पहले न्योता दिया जाना था. लेकिन, राज्यपाल ने प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए जदयू को सरकार गठन के लिए आमंत्रित कर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है. इसलिए सूबे में गठित एनडीए की नयी सरकार असंवैधानिक है. इसलिए नयी सरकार के गठन को खारिज किया जाना चाहिए.

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