Patna Metro Update: पटना मेट्रो का अंडरग्राउंड टेस्ट, अप्रैल से टनल निर्माण, पहले हाई-प्रोफाइल भवनों का होगा हेल्थ चेक

Patna Metro Update: पटना में मेट्रो की रफ्तार तेज होने जा रही है, लेकिन उससे पहले शहर की पुरानी इमारतों की ‘सेहत रिपोर्ट’ तैयार होगी. कहीं मेट्रो की टनल शहर के ऊपर बसे इतिहास और आबादी के लिए खतरा न बन जाए. इसी आशंका को दूर करने की तैयारी शुरू हो चुकी है.

By Pratyush Prashant | December 13, 2025 8:06 AM

Patna Metro Update: पटना जंक्शन से रुकनपुरा तक मेट्रो की अंडरग्राउंड टनल निर्माण का काम अप्रैल से शुरू होना है. इससे पहले इस पूरे 10.50 किलोमीटर लंबे हिस्से में आने वाले बड़े और पुराने भवनों की मजबूती की गहन जांच कराई जाएगी. पटना मेट्रो रेल निगम ने साफ किया है कि टनल निर्माण से पहले जर्जर और संवेदनशील इमारतों को सुरक्षित करना प्राथमिकता होगी, ताकि निर्माण के दौरान किसी तरह का खतरा पैदा न हो.

टनल से पहले इमारतों की सेहत जांच

पटना मेट्रो के अधिकारियों के अनुसार, चयनित एजेंसी द्वारा जीपीआर सर्वे कराया जाएगा. इस सर्वे के जरिए जमीन के नीचे की स्थिति के साथ-साथ भवनों की नींव और संरचना की मजबूती का आकलन किया जाएगा. पटना जंक्शन से रुकनपुरा के बीच पहले चरण में जांच होगी, जबकि बाद में पाटलिपुत्र स्टेशन की ओर बनने वाली टनल के दायरे में आने वाले भवनों की भी जांच कराई जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया को मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

मिट्टी के बाद अब भवनों पर फोकस

अब तक टनल निर्माण के लिए हर एक किलोमीटर पर कुल 12 स्थानों पर मिट्टी की जांच की जा चुकी है. अगला और ज्यादा संवेदनशील चरण भवनों की मजबूती की जांच का है. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जिन इमारतों को जोखिम वाली श्रेणी में रखा जाएगा, उन्हें दुरुस्त और सुरक्षित किया जाएगा. इसके साथ-साथ टनल के रास्ते में आने वाली यूटिलिटी लाइनों को भी शिफ्ट किया जाएगा, ताकि निर्माण के दौरान किसी तरह की बाधा न आए.

31.9 किमी लंबा होगा पटना मेट्रो नेटवर्क

पटना मेट्रो परियोजना की कुल लंबाई 31.9 किलोमीटर है, जिस पर 13,365 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. हाल ही में राज्य कैबिनेट ने इसके लिए 389.77 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मंजूरी भी दी है.

पटना जंक्शन से रुकनपुरा के बीच टनल निर्माण शुरू होते ही मेट्रो के सभी पैच में काम एक साथ रफ्तार पकड़ लेगा. इस परियोजना का शिलान्यास 6 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था.

कहां-कहां चल रहा है टनल का काम

फिलहाल कॉरिडोर-2 में पटना विश्वविद्यालय से टनल बनाते हुए मशीन पीएमसीएच तक पहुंच चुकी है और आगे गांधी मैदान की ओर बढ़ रही है. इस टनल की लंबाई 2302 मीटर है. दूसरी मशीन गांधी मैदान से आकाशवाणी होते हुए पटना जंक्शन की ओर बढ़ रही है. कॉरिडोर-2 में अब केवल राजेंद्रनगर से मोइनुल हक स्टेडियम के बीच टनल का काम बाकी है, जो जल्द शुरू होने की उम्मीद है. वहीं कॉरिडोर-1 में दानापुर से पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन तक एलिवेटेड मेट्रो और खेमनीचक से मीठापुर तक ट्रैक और स्टेशनों का निर्माण तेजी से जारी है.

इन भवनों पर रहेगी खास नजर

टनल के दायरे में आने वाले कई महत्वपूर्ण भवनों की जांच की जाएगी. इनमें डाकबंगला चौराहे का लोकनायक भवन, हरि निवास, कोतवाली थाना, तारामंडल, विद्युत भवन, पटना हाईकोर्ट, बिहार म्यूजियम, पटना वीमेंस कॉलेज, सचिवालय का विकास भवन, विश्वेश्वरैया भवन और टेक्नोलॉजी भवन शामिल हैं. इसके अलावा बेली रोड के दोनों तरफ मौजूद इमारतें भी जांच के दायरे में होंगी.

मेट्रो तो चली, लेकिन सवारी कम

फिलहाल पटना मेट्रो का परिचालन बाइपास स्थित भूतनाथ से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल के बीच 4.5 किलोमीटर के हिस्से में हो रहा है. इस रूट पर भूतनाथ, जीरोमाइल और पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तीन स्टेशन हैं.

शुरुआत में जहां करीब 10 हजार यात्री रोजाना सफर कर रहे थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 900 से 1000 के बीच रह गई है. नए साल में खेमनीचक और मलाही पकड़ी स्टेशन जुड़ने के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

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