बिहार में सीओ के साथ अब राजस्व अधिकारी भी करेंगे म्यूटेशन, जमीन विवादों में आयेगी कमी

बिहार में जमीन की दाखिल-खारिज का अधिकार अंचलाधिकारी के साथ साथ राजस्व अधिकारी को भी सौंपने की तैयारी चल रही है. अब दोनों जमीन का दाखिल-खारिज कर सकेंगे. सरकार ने यह विचार बिहार में जमीन के दाखिल-खारिज के लंबित मामलों और जमीन विवादों की बढ़ती संख्या को देखते हुए किया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 18, 2021 3:07 PM

पटना. बिहार में जमीन की दाखिल-खारिज का अधिकार अंचलाधिकारी के साथ साथ राजस्व अधिकारी को भी सौंपने की तैयारी चल रही है. अब दोनों जमीन का दाखिल-खारिज कर सकेंगे. सरकार ने यह विचार बिहार में जमीन के दाखिल-खारिज के लंबित मामलों और जमीन विवादों की बढ़ती संख्या को देखते हुए किया है.

इन विवादों के कारण लगान वूसली भी प्रभावित हो रही है. इसी लिए राजस्व अधिकारियों का अधिकार क्षेत्र बड़ा किया जा रहा है. अंचल अधिकारियों के साथ-साथ दाखिल खारिज करने का अधिकार राजस्व अधिकारियों को भी देने पर विचार किया जा रहा है. बिहार में दाखिल खारिज यानी म्यूटेशन को लेकर यह व्यवस्था जल्द ही लागू कर दी जाएगी.

राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने खुद इसकी जानकारी दी है. मंत्री रामसूरत राय ने इसकी घोषणा राजस्व अधिकारियों के एक डेवलपमेंट प्रोग्राम के दौरान की है. मंत्री ने कहा है कि हम अब राजस्व अधिकारियों का कार्य क्षेत्र बढ़ाने जा रहे हैं.

मंत्री रामसूरत राय ने कहा है कि राजस्व अधिकारियों को जाति आवास एवं आय प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार देने पर पहले ही फैसला किया जा चुका है. इन सभी अधिकारियों को अपने डोंगल से काम करने का अधिकार होगा.

राजस्व अधिकारियों के लिए नया डोंगल बनवाया जा रहा है. सभी राजस्व अधिकारियों को वाहन की सुविधा भी दी जाएगी. रामसूरत राय ने कहा कि अंचल अधिकारियों के पास पहले से ही काफी ज्यादा दायित्व हैं. इसलिए उनके कार्यों को अब अधिकारियों के पास अधिकृत किया जाएगा.

इतना ही नहीं राजस्व अधिकारियों के पुराने बैच को अब अंचल अधिकारी में प्रोन्नति भी दी जाएगी. राज्य सरकार को 566 राजस्व अधिकारियों के साथ-साथ 1764 नियमित अमीन नियुक्ति प्रक्रिया के बाद मिल चुके हैं. इस महीने 868 विभाग को 4400 राजस्व कर्मचारी मिल जाएंगे.

Posted by Ashish Jha

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