सदर अस्पताल चोरी कांड में दो एफआइआर, नाबालिग हिरासत में

NAWADA NEWS.नवादा सदर अस्पताल में हुई चोरी की घटना अब केवल चोरी तक सीमित नहीं रह गयी है, बल्कि यह अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था, प्रबंधन की लापरवाही और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है.

By VISHAL KUMAR | December 15, 2025 8:26 PM

15 दिनों से सीसीटीवी बंद, कमजोर खिड़की-ग्रिल पर उठे सवालप्रतिनिधि, नवादा सदर

नवादा सदर अस्पताल में हुई चोरी की घटना अब केवल चोरी तक सीमित नहीं रह गयी है, बल्कि यह अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था, प्रबंधन की लापरवाही और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है. मामले में नगर थाना पुलिस ने दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की है, जबकि एक नाबालिग आरोपित को मौके से हिरासत में लिया है. नगर थाने में पहली प्राथमिकी सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ एसडी अरैयर के आवेदन पर दर्ज की गयी है.इसमें आरोप है कि चोरों ने ऑक्सीजन प्लांट की खिड़की का ग्रिल फैलाकर भीतर प्रवेश किया और उससे जुड़े कई महत्वपूर्ण उपकरणों की चोरी कर ली. दूसरी प्राथमिकी अस्पताल परिसर की समग्र सुरक्षा व्यवस्था में सेंध, घटना के हालात और आरोपित की गिरफ्तारी से जुड़े तथ्यों को लेकर दर्ज की गयी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों मामलों की जांच समानांतर रूप से की जा रही है.

नाबालिग पकड़ा गया, दो फरारं

घटना के दौरान अस्पताल प्रबंधन द्वारा नियुक्त सुरक्षा प्रहरी की सतर्कता से भागते तीन चोरों में से एक नाबालिग को मौके पर ही पकड़ लिया गया. पूछताछ में सामने आया है कि वह नवादा शहर के ही एक मुहल्ले का निवासी है. नाबालिग को नगर थाना को सौंप दिया गया है, जहां विधिक प्रक्रिया जारी है. घटना में शामिल दो अन्य आरोपित अब भी फरार बताये जा रहे हैं.

15 दिनों से सीसीटीवी बंद

मामले का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि सदर अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे पिछले 15 दिनों से बंद थे. प्रबंधन ने मेंटेनेंस का हवाला दिया है, लेकिन जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट जैसे संवेदनशील स्थान की निगरानी इतने दिनों तक ठप रहना गंभीर लापरवाही मानी जा रही है.

कमजोर खिड़की-ग्रिल पर सवाल

जांच में यह भी सामने आया है कि ऑक्सीजन प्लांट की खिड़की और ग्रिल बेहद कमजोर थे, जिन्हें फैलाकर चोर आसानी से अंदर घुस गये. स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले भी अस्पताल परिसर में सुरक्षा चूक की घटनाएं हो चुकी हैं. अब सवाल यह है कि कार्रवाई केवल नाबालिग तक सीमित रहेगी या अस्पताल प्रबंधन और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की भी निष्पक्ष जांच होगी.

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